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EXCLUSIVE: हिमाचल में जारी हुआ पहला तंबाकू बिक्री लाइसेंस

नई व्यवस्था की हुई शुरुआत

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हिमाचल में तंबाकू बिक्री को मिला ‘लाइसेंस’ – करसोग की लता जनरल स्टोर बनी राज्य की पहली अधिकृत दुकान

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शिमला, 6 नवम्बर।
हिमाचल प्रदेश में तंबाकू बिक्री को अब नई कानूनी पहचान मिल गई है। राज्य सरकार ने “हिमाचल प्रदेश खुदरा तंबाकू व्यापार (नियमन) अधिनियम, 2016” के तहत पहली बार किसी दुकान को तंबाकू उत्पाद बेचने का आधिकारिक लाइसेंस जारी किया है।
यह ऐतिहासिक लाइसेंस मंडी ज़िले के करसोग उपमंडल की लता जनरल स्टोर, भनथल को प्रदान किया गया है।
लाइसेंस संख्या 01/2025, दिनांक 27 अक्तूबर 2025 को जारी किया गया, जिसकी वैधता 26 अक्तूबर 2028 तक रहेगी। यह प्रमाणपत्र पंचायत सचिव भनथल द्वारा जारी किया गया है।
 अब ‘बिना लाइसेंस’ नहीं बिकेगा तंबाकू

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति खुली सिगरेट, बीड़ी या अन्य तंबाकू उत्पाद बिना लाइसेंस नहीं बेच सकेगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने और जेल की सज़ा का प्रावधान किया गया है —
पहली बार उल्लंघन पर ₹10,000 तक का जुर्माना।
पुनरावृत्ति पर ₹15,000 तक का जुर्माना।
बिना पंजीकरण तंबाकू बेचने पर ₹50,000 जुर्माना या 3 माह तक की कैद।
दोबारा अपराध करने पर ₹1 लाख तक का जुर्माना या 1 वर्ष तक की कैद।
 करसोग बना उदाहरण
भनथल गांव की लता जनरल स्टोर को जारी यह लाइसेंस न केवल करसोग बल्कि पूरे हिमाचल के लिए मिसाल बन गया है। यह कदम राज्य में तंबाकू बिक्री को कानूनी दायरे में लाने की दिशा में पहली ठोस पहल मानी जा रही है।
स्थानीय पंचायत सचिव ने इसे जारी कर बताया कि अब हर विक्रेता को इसी तरह का पंजीकरण अनिवार्य रूप से करवाना होगा।
 सरकार की सख्त मंशा – तंबाकू नहीं, जीवन चुनिए
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वो “स्मोक फ्री हिमाचल” अभियान में सहयोग दें। विभाग के मुताबिक अब राज्य में कोई भी दुकान खुली सिगरेट या बीड़ी नहीं बेच सकेगी।
तंबाकूयुक्त पान मसाला, गुटखा, फ्लेवर्ड तंबाकू और ई-सिगरेट जैसे उत्पादों की बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
 कानून क्या कहता है
राज्य सरकार के नए प्रावधानों के तहत —
हर तंबाकू विक्रेता को लाइसेंस/पंजीकरण प्रमाणपत्र लेना ज़रूरी है।
प्रमाणपत्र तीन वर्षों के लिए मान्य रहेगा और समय पर नवीनीकरण करवाना अनिवार्य होगा।
नियमों का उल्लंघन करने पर प्रशासन सीधे कार्रवाई करेगा।

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 नई व्यवस्था से उम्मीद
इस पहल से सरकार को उम्मीद है कि इससे न केवल तंबाकू बिक्री पर नियंत्रण होगा बल्कि युवाओं में इसके सेवन की प्रवृत्ति पर भी अंकुश लगेगा।
अब तंबाकू कारोबारियों को नियमों के तहत पंजीकृत होकर ही काम करना होगा — अन्यथा लाइसेंस रद्द और कानूनी कार्रवाई तय!

डॉ. रवींदर बोले — “यह हिमाचल में तंबाकू नियंत्रण की दिशा में ऐतिहासिक शुरुआत है”
तंबाकू नियंत्रण परियोजना प्रमुख डॉ. रवींदर ने कहा कि प्रदेश में तंबाकू उत्पादों की बिक्री को वैधानिक दायरे में लाना एक बड़ा और साहसिक कदम है।
उन्होंने बताया —
हिमाचल प्रदेश सरकार ने जिस तरह से तंबाकू बिक्री के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की है, वह आने वाले समय में युवाओं को नशे से दूर रखने में बेहद प्रभावी साबित होगी। अब कोई भी व्यक्ति बिना वैध लाइसेंस के सिगरेट, बीड़ी या अन्य तंबाकू उत्पाद नहीं बेच सकेगा। इससे अवैध बिक्री पर रोक लगेगी और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ेगी।”
डॉ. रवींदर ने यह भी कहा कि विभाग की कोशिश है कि प्रदेश के सभी विक्रेता जल्द से जल्द पंजीकरण करवाएं, ताकि तंबाकू नियंत्रण कानून का पूरी तरह पालन सुनिश्चित हो सके।उन्होंने कहा है कि इसमें स्वास्थ्य महकमें और पुलिस प्रशासन की पूरी टीम का योगदान है
उन्होंने जनता से अपील की कि —
“नशा छोड़िए, जीवन जोड़िए — यही हमारे अभियान का संदेश है।”

 

Deepika Sharma

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