पर्यावरणविशेष

असर विशेष: दीवाली पर शोर में बढ़ोतरी, कई शहरों में पार की गई सीमा

शिमला और ऊना सबसे शोरगुल वाले शहर

शिमला, 21 अक्तूबर।

हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार इस बार दीवाली पर प्रदेश के कई शहरों में शोर का स्तर तय मानकों से ऊपर पहुंच गया। 13 अक्तूबर (दीवाली से पहले) और 20 अक्तूबर (दीवाली के दिन) शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक किए गए मापन में यह वृद्धि दर्ज की गई।

शिमला में शोर का स्तर 64.9 डेसिबल तक पहुंच गया जबकि ऊना में यह 73.9 डेसिबल तक पहुंच गया। वहीं चंबा और रामपुर में भी स्तर क्रमशः 78.1 और 77.3 डेसिबल दर्ज किया गया, जो औद्योगिक क्षेत्रों के अधिकतम मानक 75 डेसिबल से भी अधिक है।

रिपोर्ट के मुताबिक —

  • परवाणू में 53.6 से बढ़कर 62.1 dB,

  • बिलासपुर में 48.4 से बढ़कर 56.4 dB,

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  • धर्मशाला में 47.9 से बढ़कर 59.2 dB,

  • कुल्लू में 60.4 से बढ़कर 74.9 dB तक शोर दर्ज हुआ।

प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दीवाली की रात शोर की सीमा लांघ गई, जिससे पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। बल्कि शासन के  आदेश के  मुताबिक़ रात 10 बजे तक पटाखे चलाने का समय सीमा निर्धारित की गई  थी इसकी अवहेलना भी की गई है

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ. प्रविण चंदर गुप्ता ने बताया कि इस दीवाली पर शोर स्तर में स्पष्ट वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को पर्व मनाते समय पर्यावरण की मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए ताकि त्योहार खुशियों के साथ-साथ स्वस्थ वातावरण का भी प्रतीक बना रहे।

Deepika Sharma

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