सिनेमा की दुनिया में नन्हे कदम: IFFS लाया बच्चों के लिए ‘बचपन’
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला में बच्चों के लिए विशेष फिल्मों की स्क्रीनिंग 'बचपन'

सिनेमा की दुनिया में नन्हे कदम: IFFS लाया बच्चों के लिए ‘बचपन’

11वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला (IFFS) के तहत एक नई और अनोखी पहल ‘बचपन’ नामक विशेष खंड की घोषणा की गई है, जो विशेष रूप से बच्चों के लिए समर्पित है। यह कार्यक्रम मुख्य फिल्म स्क्रीनिंग्स के समानांतर आयोजित किया जाएगा और 5 से 7 सितम्बर 2025 तक ऐतिहासिक गेयटी थियेटर, शिमला के गॉथिक थियेटर में चलेगा।

‘बचपन’ के अंतर्गत, छोटे दर्शकों के लिए दुनिया भर से चुनी गई लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों, एनिमेशन और फीचर फिल्मों का एक जीवंत संग्रह प्रस्तुत किया जाएगा। यह पहल केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता, सांस्कृतिक समझ और सिनेमा के प्रति शुरुआती रुचि को प्रोत्साहित करना है।

हर दिन सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक गॉथिक थियेटर में स्क्रीनिंग्स आयोजित की जाएंगी, जहाँ बच्चे फिल्मों की जादुई दुनिया में डूब सकेंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत फिल्म निर्माताओं के साथ संवादात्मक सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे बच्चों को फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को समझने और सवाल पूछने का अनमोल अवसर मिलेगा।
IFFS के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने कहा,
“हमें बेहद खुशी है कि इस वर्ष के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला में हम बच्चों के लिए ‘बचपन’ जैसे विशेष कार्यक्रम की पेशकश कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि युवा मनों को सिनेमा की दुनिया से जोड़ें, उन्हें प्रेरित करें और सृजनशीलता को बढ़ावा दें।”
यह पहल न सिर्फ बच्चों की कल्पनाशीलता और जिज्ञासा को पोषित करेगी, बल्कि उन्हें सिनेमा से एक जीवनभर का जुड़ाव देने की दिशा में एक सार्थक प्रयास भी है।
इस वर्ष के 11वें संस्करण में IFFS में 43 देशों और 23 भारतीय राज्यों से कुल 163 फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जो इसे भारत के प्रमुख फिल्म समारोहों में से एक बनाता है। यह समारोह हिमालयन वेलोसिटी द्वारा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।



