ब्रेकिंग-न्यूज़विशेषशिक्षा

हिमाचल के स्कूली छात्र पढ़ेंगे हिमाचल का इतिहास

स्कूली पाठ्यक्रम में हिमाचल का इतिहास किया जाएगा शामिलः शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन पर विचार-विमर्श के लिए आज यहां एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के समृद्ध इतिहास, साहित्य, संस्कृति और कला को शामिल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने एक ऐसा पाठय्क्रम तैयार करने के निर्देश दिए जिसमें राज्य के प्राचीन मंदिर, मठ, किले, ऐतिहासिक स्थल, पारंपरिक वास्तुकला, बोलियां, लोक कलाएं, हस्तशिल्प, मेले, त्योहार और ऐतिहासिक आन्दोलनों को शामिल किया जा सके। उन्होंने हिमाचल के संदर्भों को शामिल कर छठी से बारहवीं कक्षा तक की एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को प्रासंगिक बनाने को कहा ताकि बच्चों में प्रदेश के प्रति गर्व और अपनेपन की भावना विकसित की जा सके।
उन्होंने जनरल ज़ोरावर सिंह, वज़ीर राम सिंह पठानिया, डॉ. वाई.एस. परमार जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सोमनाथ शर्मा और कैप्टन सौरभ कालिया जैसे शहीदों की वीरगाथाओं से बच्चों में देशभक्ति का जज्बा जगाने पर बल दिया। इस तरह के समावेश से छात्रों का राज्य के साथ जुड़ाव मज़बूत होगा और इससे प्रतियोगी परीक्षाओं विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी।
शिक्षा मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा और सतत विकास जैसे समसामयिक मुद्दों को भी पाठ्यक्रमों शामिल किया जाए। आपदा प्रबधंन से जुड़ी शिक्षा व्यावहारिक और गतिविधि-आधारित होनी चाहिए ताकि बच्चे वास्तविक जीवन की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को बढ़ाने के बजाय उसे रूचिकर बनाया जाए ताकि बच्चों का ज्ञानवर्द्धन किया जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चों को सार्थक ज्ञान दिया जाए और रटने के बजाय रूचिकर तरीके से बच्चों को पढ़ाया जाए। उन्होंने कार्यशालाओं, क्षेत्रीय भ्रमण, दृश्य सामग्री और व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से सीखने को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उन्होंने स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर भी बल दिया।
रोहित ठाकुर ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट और पोर्टल के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के उपलब्ध शिक्षण सामग्री तक आसान पहंुच के लिए क्यूआर कोड और डिजिटल लिंक के साथ प्रदान करे।
बैठक के दौरान संशोधित पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया। अधिसूचना के पश्चात यह समिति हिमाचल के संदर्भ में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा तथा आवश्यक संशोधन करेगी। समिति समग्र व स्थानीय रूप से प्रासंगिक शिक्षा के लिए पूरक सामग्री तैयार करेगी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने आपदा प्रबंधन, हरित ऊर्जा और कौशल विकास जैसे आधुनिक विषयों के साथ हिमाचल की विरासत को एकीकृत किया है जिससे विद्यार्थियों को सीखने के बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के. शर्मा, परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड और एससीईआरटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

WhatsApp Image 2025-08-15 at 3.49.34 PM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 3.50.07 PM
IMG_0019
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.16 PM
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.16 PM (1)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM (1)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM (2)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.18 PM
Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close