एक प्रदेश में दो बजट पेश,एक में राहत और दूसरे में सेस!
शिमला शहर की जनता और व्यापारियों के उडे होश!जोगटऻ

शिमला शहर के 34 वार्डो की जनता महंगाई के कारण एक ओर तो पहले से ही त्रस्त थी।दूसरी ओर अब उनके सीने को चीरती हुई सरकारी नगर निगम की चलाई गोली ने फिर उक्त जनता को बेमतलब कुड़ने को मजबुर कर दिया है।आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटऻ ने कहा है कि
प्रदेश के दो नगर निगमों शिमला और धर्मशाला जो एक ही सरकार के अधीन आते है ने 25.02.21को अपने अपने निगमो में बजट पेश किया। ऐसा लगता था कि किसी देश या राज्य की सरकारों ने एक ही समय में उनकी वहां की अपनी अपनी हैसियत के हिसाब से बजट पेश करना है तथा अपनी परिस्थितियों के हिसाब से बजट में प्रावधान रखने होने के साथ अलग तरीके अपनाने होते हैं।
वहीं दूसरी ओर एक बात तो साफ है कि किसी भी राज्य सरकार और उसके अधीन संस्थाओं के बजट में भी एकरूपता और लगभग एक जैसी विशेषता नजर आनी चाहिए।ताकि एक अच्छे संदेश की परिकल्पना की जा सके।
इसके विपरित हिमाचल प्रदेश के उक्त नगर निगमों में हैरानी तो इस बात की हुई कि धर्मशाला नगर निगम ने अपने बजट में वहां की जनता को काफी हद तक ज्यादा परेशान तो नहीं किया।
वहीं दूसरी ओर शिमला नगर निगम ने अपने बजट में शहर के 34 वार्डो के लोगों को सरकार और नगर निगम की पूर्व सुनियोजित जनता विरोधी नीति के तहत 01.04.2021से पानी,बिजली और गार्बेज की दरों में 10%की वृद्धि का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है।जब की शहर कि जनता पहले से ही उक्त सुविधाओं में भारी भरकम बढ़ोतरी के कारण परेशान थे।क्योंकि पानी,बिजली और गार्बेज तथा प्रॉपर्टी टैक्स के भारी भरकम बिल जनता को थमाए जा रहे थे। परंतु फिर भी शिमला नगर निगम ने जनता के भारी विरोध को दर किनार करके इस बार भी अपने बजट में पुन:पानी,गार्बेज की दरों में अप्रैल 2021से 10% बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया। इतना ही नहीं शहर के कारोबारियों को निगम द्वारा पट्टे या किराए पर दी गई दुकानों के किराए भी बढ़ा दिए।जिस कारण शहर के व्यापारी करोना काल से अभी उभर भी नहीं पाए थे कि उपर से निगम ने आनन फानन में उनके किरायों में फिर वृद्धि कर डाली।करोना के चलते निगम ने इनकी मदत तो क्या करनी।उनके उपर ज्यादा बोझ लाद कर उन्हें परेशान किया ही किया है।ये कहां का न्याय है।
नगर निगम के इस ताना शाही रवैए के कारण पानी,बिजली और दूसरे टैक्स,गार्बेज इत्यादि के भारी भरकम बिलों के कारण सभी वार्डो के लोगों की पहले तो निगम ने करोना काल में उनकी मदत न करके उनकी कमर तोड़ने की भरपूर कोशिश की।इतना होने के बावजूद भी अब फिर से उक्त वस्तुओं की दरों में बढ़ोतरी करके निगम ने अब हम सभी की रीढ़ की हड्डी तोड के रख दी है।तथा मेहंगाई की सारी हदें पार कर डाली।हद तो ये है कि बिजली के भारी बिलों के उपर भी नगर निगम पहले से ही कम से कम 60/- रुपए एम सी टैक्स के रूप में बसुलता आ रहा है। वो किस बात का और क्यों? अब फिर सीधे सीधे इसी 60/-रुपए के उपर और अतिरिक्त 20 पैसे पर यूनिट और ज्यादा बसूले जाने का मसौदा त्यार कर दिया है।
बजट पेश होने के दिन देखने और ध्यान देने वाली वाली तो यह रही कि जनता द्वारा चुने गए दोनो पार्टियों के किसी भी पार्षद ने जनता विरोधी निगम के इस बजट का विरोध तक नहीं किया और न ही बहिष्कार किया,न ही किसी तरह का धरना प्रदर्शन तक नहीं दिया।जिसका जनता और आम आदमी पार्टी ने कड़ा संज्ञान लिया है।इसके बारे जनता को जागरूक भी किया जाएगा।
सरकार की जनता विरोधी नीतियों के कारण जनता पहले से ही मेहंगाई से त्रस्त है।जैसे की गैस जिसके रेट आजकल हर रोज 20-25 रुपए बड रहे है।सब्सिडी ब के बराबर।पेट्रोल जो 100 को पार कर रहा है, डीजल जो 80 को पहूच चुका है।हिमाचल की धरती पर बनने वाला सीमेंट हमे मंहगा और दूसरे राज्यों में सस्ता। इतना ही नहीं हमारे प्रदेश में बनने वाली बिजली और पानी हमे यहां मंहगे दूसरे राज्य में फ्री या सस्ती मुहैया करवाई जा रही है। निजी स्कूलों की मनमानी फीसों की उगाही के आलम से लोगों की परेशानी देखते ही बन रही है। तमाम वो रोज मर्रा की वस्तुएं जिनके दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं।फिर भी सरकार और नगर निगम लोगों द्वारा हर चीज का टैक्स देने के बावजूद भी जनता को परेशान करके क्यों अपने खजानों कि भरपाई करवाना चाहते है।आखिर कब तक।सरकार और निगम ने अपनी जनता को परेशान करने के इलावा और किया ही क्या है।।
आम आदमी पार्टी चाहती है कि सरकार और निगम ने यदि जनता के लिए कुछ किया भी है तो वो अपनी उपलब्धि का श्वेत पत्र जारी करें।अल्वता जनता को इस कदर परेशान करना तर्कसंगत नहीं है।
सरकार और नगर निगम के अपने राजस्व में हर बार घाटा क्यों होता है?कभी इनके नफा भी हुआ है आज तक के इतिहास में? जैसे दिल्ली की केजरीवाल की सरकार में होता है?उनसे भी कुछ सीखने का प्रयास किया जाना चाहिए।जिसको सीखने की आज नितांत आवश्यकता है।
हिमाचल प्रदेश आम पार्टी नगर निगम शिमला द्वारा पेश किए गए बजट को शिमला शहर के सभी वार्डो की जनता,व्यापारियों के साथ एक धोका और भदे मजाक से ज्यादा और कुछ भी नहीं मान रही है।शहर की जनता तो पहले ही मेहंगाई के बोझ तले दबी हुई थी।अब निगम द्वारा उक्त वस्तुओं की दरों में ओर वृद्धि करके उनका जीना ही दूबर कर के रख दिया है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एसएस जोगटऻ ने आगे कहा कि सरकार और निगम जनता की हितेषी न होकर उनका दमन करने जा प्रयास कर रही है।
इसलिए आम आदमी पार्टी जनता के सहयोग से सरकारी नगर निगम के बजट को जनता विरोधी बजट करार देती है तथा इसका पूर्ण विरोध भी करती है।
जोगटऻ ने प्रैस को जारी एक बयान में सरकार और नगर निगम शिमला से फिर अनुरोध किया है कि उक्त बढ़ोतरी को निगम तुरंत वापस लें नहीं तो इसका भारी भरकम विरोध होगा। आम आदमी पार्टी शहर कि जनता और व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।अगर कहीं न कहीं जनता का हित चाहते हो तो इस प्रकार की जनता विरोधी नीतियों से बचने का भी प्रयास अवश्य करना चाहिए।

