विविध

चिंता: अवैध रूप से पशुओं की ढुलाई : विधायक राकेश जमवाल

*प्रदेश में पशुओं की अवैध ढुलाई एवं वध की घटनाओं से उत्पन्न गंभीर स्थिति की ओर सदन का ध्यान आकर्षण प्रस्ताव*

*प्रदेश में पशुओं की अवैध ढुलाई एवं वध की घटनाओं से उत्पन्न गंभीर स्थिति की ओर सदन का ध्यान आकर्षण प्रस्ताव*

स्थानीय युवाओं ने संदिग्ध वाहन को भवाणा टनल नं. 5 के पास रोका तो उसमें 25 पशु – जिनमें 18 भैंसें और 7 छोटे बछड़े थे – आलू की बोरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरे हुए मिले।

 

हिमाचल प्रदेश में ऐसी अनेक घटनाएँ समय-समय पर सामने आती रही हैं। हाल ही में 19 तारीख की रात को मेरे विधानसभा क्षेत्र सुंदरनगर में लगभग 10 बजे एक डाक पार्सल वाहन में अवैध रूप से पशुओं की ढुलाई करते हुए पाया गया। स्थानीय युवाओं ने संदिग्ध वाहन को भवाणा टनल नं. 5 के पास रोका तो उसमें 25 पशु – जिनमें 18 भैंसें और 7 छोटे बछड़े थे – आलू की बोरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरे हुए मिले।

स्थानीय जनता ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। यद्यपि पुलिस थोड़ी देर से पहुँची, परंतु जब वाहन की तलाशी ली गई तो चालक नसीम तथा उसके दो सहयोगी फैजल और इंतजार मौके पर मौजूद थे। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि इससे पहले भी वे इसी प्रकार पशुओं को सहारनपुर तक ले जा चुके हैं।

प्रदेश में स्थिति बेहद चिंताजनक है। प्रदेश में पशुधन पहले से ही कम हो रहा है और यदि इस प्रकार लगातार पशुओं की तस्करी होकर बाहर जा रही है तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत मुकदमा तो दर्ज किया, परंतु यह भी सत्य है कि पशुओं को वापस उसी व्यक्ति को सौंप दिया गया, जिससे वे खरीदे गए थे। दोषियों को छोड़ देना, और केवल वाहन को जब्त करना, कानून की कमजोरी को उजागर करता है। इस अधिनियम की धाराएँ इतनी कमजोर हैं कि दोषियों को कड़ी सज़ा नहीं हो पाती और ऐसे अपराधियों के हौसले बुलंद रहते हैं।

माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूँ कि –

1. इस पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करवाई जाए।

2. केवल चालक और सहयोगियों पर ही नहीं, बल्कि उस व्यक्ति पर भी कार्रवाई की जाए जिसने पशुधन बेचकर अवैध रूप से यह धंधा चलाया।

3. पुलिस प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए जाएँ।

4. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 में आवश्यक संशोधन किया जाए ताकि दोषियों को कठोर दंड मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

विधायक राकेश जमवाल ने कहा मात्र सुंदरनगर का एक मामला नहीं है। प्रदेश के कई हिस्सों से ऐसी घटनाओं की लगातार सूचना मिल रही है। हमारे सहयोगी विधायकगण भी अपने-अपने क्षेत्रों से ऐसी शिकायतें सामने ला रहे हैं। इसलिए यह केवल कानून-व्यवस्था का विषय नहीं, बल्कि हमारे प्रदेश के पशुधन और गौमाता की रक्षा का भी प्रश्न है।

अतः मेरा पुनः सरकार से निवेदन है कि दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई हो, कानून में आवश्यक संशोधन लाए जाएँ और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close