
शिमला।
हिमाचल के बच्चों की पढ़ाई अब किताबों तक सीमित नहीं रहेगी। प्रदेश के 240 स्कूलों में अब ड्रोन और रोबोटिक्स लैब्स के जरिए शिक्षा को बिल्कुल नए आयाम दिए जाएंगे। समग्र शिक्षा के तहत चल रहे STARS प्रोग्राम के अंतर्गत शिक्षकों को आधुनिक तकनीक की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे कक्षा में बच्चों को उड़ते ड्रोन, बोलते रोबोट और प्रयोगशाला आधारित शिक्षा से जोड़ सकें।
EDCIL इंडिया द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण में हर स्कूल से दो शिक्षक शामिल होंगे। तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में उन्हें यह सिखाया जाएगा कि किस तरह ड्रोन और रोबोटिक्स को पढ़ाई में जोड़ा जाए और बच्चे खुद प्रयोग करके नई खोजों की ओर बढ़ें।
कैसा होगा प्रशिक्षण?
ड्रोन उड़ाना, उसका मैपिंग और उपयोग
रोबोटिक्स की बारीकियाँ और स्कूल लैब में उसका प्रयोग
स्मार्टबोर्ड और एटीएल लैब के जरिए विज्ञान और गणित को बच्चों के लिए आसान बनाना
कंप्यूटर और हैंड्स-ऑन गतिविधियों से बच्चों की रचनात्मक सोच को बढ़ाना
चार चरणों में होगी ट्रेनिंग
पहला चरण (18–20 अगस्त): चंबा और लाहौल-स्पीति
दूसरा चरण (21–23 अगस्त): कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी
तीसरा चरण (25–27 अगस्त): कांगड़ा और मंडी
चौथा चरण (28–30 अगस्त): बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा
हर चरण सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलेगा।
भविष्य की ओर कदम
इस पहल से हिमाचल के छात्र अब केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि तकनीकी दुनिया में कदम रखते हुए वैज्ञानिक सोच, नवाचार और रिसर्च की ओर बढ़ेंगे।
राज्य परियोजना निदेशक राकेश शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि यह कदम बच्चों को 21वीं सदी की स्किल्स से लैस करने में मील का पत्थर साबित होगा


