पर्यावरणविशेष

वन विभाग का बड़ा संकल्प: बंजर भूमि को बनाएंगे हरा-भरा, 1820 हेक्टेयर में लगेंगे पौधे

बंजर ज़मीन से फलता-फूलता हिमाचल, पर्यावरण संरक्षण की नई इबारत

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हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने इस बार 1820 हेक्टेयर भूमि पर हरियाली लाने का संकल्प लिया है। वन विभाग खुद एक हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपेगा, जबकि राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना के तहत 600 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में जल्द ही राज्य स्तरीय वन महोत्सव से पौधरोपण अभियान शुरू होगा। प्रदेश की बंजर जमीन पर हरियाली लाने के लिए वन विभाग ने यह लक्ष्य रखा है। इसके साथ-साथ जाइका वानिकी परियोजना ने 220 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है, जो विभागीय और जन सहभागिता के माध्यम से पूरा होगा। बता दें कि पिछली बार जाइका वानिकी परियोजना ने 1296 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के तहत प्रदेश में 100 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया गया। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते दो जून को हमीरपुर में राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रदेश की 600 हेक्टेयर जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे। यह योजना न सिर्फ वन क्षेत्र बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आजीविका और रोजगार के नए अवसर भी देती है। बताया गया कि इस योजना के तहत बंजर भूमि पर फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा और लोगों को फल उत्पादन के माध्यम से आर्थिक मदद भी मिलेगी। यह एक दोहरा लाभ देने वाली योजना है। इस योजना के तहत स्थानीय लोगों खासकर महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और युवक मंडलों को वनों की देखरेख में भागीदार बनाना भी है। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूह इस पहल की रीढ़ हैं। वे केवल पौधरोपण के साथ-साथ पांच वर्षों तक पौधों की देखभाल भी करेंगे। इससे पौधों की दीर्घकालिक जीवंतता सुनिश्चित होगी और सामुदायिक सहभागिता भी मजबूत होगी।

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कोट:

वन विभाग ने इस बार एक हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है, इसके साथ-साथ राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना के तहत 600 हेक्टेयर और जाइका वानिकी परियोजना ने 220 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है। कुल मिलाकर 1820 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे।

Deepika Sharma

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