सम्पादकीय

बागवानों के लिए राहत की ठंडी हवा: हिमाचल में सौर शक्ति आधारित कोल्ड स्टोरेज योजना शुरू

EESL और बागवानी विभाग के बीच ऐतिहासिक MoU, किसानों को मिलेगा माइक्रो कोल्ड स्टोरेज का लाभ

 

सौर शक्ति से सुरक्षित होगी फसल: हिमाचल में लागू होगी स्मार्ट कोल्ड स्टोरेज तकनीक

हिमाचल की बागवानी में ऊर्जा क्रांति:

सौर-शक्ति आधारित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज की ओर ऐतिहासिक कदम

हिमाचल प्रदेश के बागवानी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी पहल की शुरुआत हुई है। हिमाचल प्रदेश सरकार के बागवानी विभाग और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) से किसानों को अब ऊर्जा दक्ष सौर-शक्ति आधारित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स की सुविधा मिलेगी। यह कदम न केवल पोस्ट-हार्वेस्ट हानियों को कम करेगा, बल्कि किसानों को मूल्य निर्धारण में आत्मनिर्भर बनाएगा।

ऐतिहासिक समझौता

7 जुलाई 2025 को निदेशक बागवानी श्री विनय सिंह (IAS) और EESL के चीफ जनरल मैनेजर श्री अनील चौधरी के मध्य यह MoU सम्पन्न हुआ, जिसकी साक्षी बने सचिव बागवानी श्री सी. पालरसू। यह समझौता India Cooling Action Plan (ICAP) के अनुरूप है, जो कृषि मूल्य श्रृंखला में ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा देता है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

राज्य में 10 मीट्रिक टन क्षमता के सौर चालित माइक्रो कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स लगाए जाएंगे।

₹20 लाख की अनुमानित लागत में से ₹10 लाख का अनुदान एकीकृत बागवानी मिशन (MIDH) के तहत मिलेगा।

बैंक लोन की आवश्यकता नहीं, प्रक्रिया सरल व पारदर्शी।

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IoT आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम, जिससे तापमान व कार्यप्रणाली पर रीयल टाइम नियंत्रण।

हिमाचल प्रदेश में 5000 मीट्रिक टन मासिक स्टोरेज आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह योजना प्रारंभ की गई है।

दस्तावेज़ों की चेकलिस्ट (लाभार्थी हेतु)

1. भरे हुए MIDH आवेदन प्रपत्र

2. भूमि दस्तावेज़ – तटीमा नक्शा एवं शजरा नसीब/हिस्सेदारी प्रमाणपत्र

3. आधार कार्ड की प्रति

4. बैंक पासबुक की फोटोकॉपी (खाता संख्या व IFSC कोड सहित)

5. शपथ पत्र (नोटरी से सत्यापित)

6. विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) – EESL द्वारा

योजना से लाभ

✔️ बागवानी उत्पादों की बर्बादी में भारी कमी

✔️ किसानों की आय में सीधा इजाफा

✔️ बाजार मूल्य में स्थिरता

✔️ उत्पादन का भंडारण लंबे समय तक संभव

✔️ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी

✔️ ऊर्जा दक्ष तकनीक को प्रोत्साहन

 

किसानों के लिए स्वर्ण अवसर

इस योजना के अंतर्गत बागवानों को केवल समतल जमीन का चयन करना है। शेष कार्य EESL द्वारा prefab तकनीक से एक दिन में यूनिट स्थापित कर पूरा कर दिया जाएगा।

 

एक यूनिट में 20 किलो की लगभग 500 पेटियों तक फल/सब्जी का सुरक्षित भंडारण संभव है। जब बाजार में उचित मूल्य न मिल रहा हो, किसान अपने उत्पाद को इसमें सुरक्षित रख सकेगा और जब बाजार में मूल्य बेहतर हों, तभी बिक्री कर पाएगा — इस तरह किसान स्वयं मूल्य निर्धारण में सक्षम हो सकेगा, न कि बिचौलियों पर निर्भर रहेगा।

Deepika Sharma

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