छैला क्षेत्र में मृत बछड़े को प्रशासन द्वारा हटाकर दफनाने में बरती गई लापरवाही
स्थानीय प्रशासन संवेदनशील मुद्दों को लेकर अभी भी सतर्क नहीं

छैला क्षेत्र में मृत बछड़े को प्रशासन द्वारा हटाकर दफनाने में बरती गई लापरवाही
छैला क्षेत्र के निवासियों में आक्रोश उस समय और बढ़ गया जब कुछ दिन पहले मृत पाए गए एक बछड़े को प्रशासन के अधिकारियों द्वारा सिर्फ उठाकर किनारे कर दिया गया, लेकिन उसे नियमानुसार दफनाया नहीं गया। यह घटना न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर नहीं करती है, बल्कि इससे क्षेत्र में दुर्गंध फैलने और स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी उत्पन्न हो रहे हैं।
सतीश शर्मा का कहना है कि इस प्रकार की उपेक्षा जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। जब प्रशासन को इस बात की जानकारी दी गई थी, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर बछड़े को उठवाया जरूर, लेकिन उसे सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से दफनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की। आखिर प्रशासन ऐसे मामलों में आधे अधूरे कार्य क्यों कर रहा है ? – यह सवाल क्षेत्रवासियों द्वारा बार-बार उठाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द उस मृत बछड़े का उचित तरीके से अंतिम निस्तारण किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
यह लापरवाही दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन संवेदनशील मुद्दों को लेकर अभी भी सतर्क नहीं है। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में संक्रमण और गंदगी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
(पढ़ते रहिए असर न्यूज़)
असर न्यूज़ से ज्योति ,शिमला।


