सम्पादकीय

मास्टर लायक राम की छवि पर आंच: लोकगायिका ने 23 साल बाद मांगी सार्वजनिक माफी

समाजसेवी मास्टर लायक राम की मानहानि पर

शिमला : करीब 23 साल पहले रिकॉर्ड किए गए एक गाने ने 72 साल पहले प्राकृतिक मौत से दिवंगत हुए एक सम्मानित शिक्षाविद की न केवल स्मृति को आहत किया, बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को भी गहरा नुकसान पहुंचाया। अब उस समय गाए गीत की गायिका रोशनी शर्मा ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए स्वीकार किया है कि यह गीत झूठे, आपत्तिजनक और मनगढ़ंत तथ्यों पर आधारित था।

 

शिमला के उपायुक्त कार्यालय में लोक गायिका रोशनी शर्मा ने स्व. लायक राम के पोते विवेक मेहता से शपथ पत्र के माध्यम से माफी मांगी।

रोशनी शर्मा ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2002 में “लायकरामा” शीर्षक गीत गाया था, जो कैसेट और सीडी के रूप में जारी हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने यह गीत केवल सुनी-सुनाई बातों और बिना किसी तथ्य की जांच के गाया था। उन्हें उस समय गाने के बोल और उसके पीछे के ऐतिहासिक या व्यक्तिगत तथ्यों की कोई जानकारी नहीं थी।

 

उन्होंने बताया कि जब उस समय दिवंगत मास्टर लायक राम मेहता जी के परिजनों ने गाने के आपत्तिजनक बोलों और असत्य घटनाओं पर आपत्ति जताई, तो उन्होंने तत्काल कैसेट की मार्केटिंग बंद करवा दी थी और बाजार से हटवा दिया था।

 

भावुक अंदाज़ में उन्होंने स्वीकार किया, “यह गीत पूरी तरह से झूठ और द्वेष भावना से प्रेरित सुनी-सुनाई बातों पर आधारित था, जिससे न केवल मास्टर लायक राम जी की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, बल्कि उनके परिवार की भावनाएं भी बुरी तरह आहत हुईं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं उस समय गाए गाने के लिए जिम्मेदार हूं और मुझे अपने किए पर गहरा पछतावा है। मैं विशेष रूप से उनके पोते विवेक मेहता जी सहित पूरे परिवार से दिल से क्षमा मांगती हूं।”

 

रोशनी शर्मा ने यह भी सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि भविष्य में वह इस गीत को न तो किसी लाइव शो, स्टेज परफॉर्मेंस, यूट्यूब, फेसबुक या अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गाएंगी या साझा करेंगी। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि कोई अन्य व्यक्ति इस गाने की ऑडियो या वीडियो टेप को सोशल मीडिया पर साझा करता है, तो उसके लिए वह खुद कानूनी रूप से उत्तरदायी होगा।

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गौरतलब है कि दिवंगत मास्टर लायक राम मेहता एक प्रतिष्ठित शिक्षक और समाजसेवी थे। उन्होंने वर्ष 1943 में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उच्च शिक्षा लाहौर से प्राप्त की थी। शिक्षक बनने से पहले वह 1944 से 1948 तक रॉयल इंडियन एयरफोर्स में बतौर एयर कैडेट सेवाएं दे चुके थे। उनके पोते विवेक मेहता के अनुसार, मास्टर लायक राम जी की 20 नवंबर 1953 को सुबह के समय ब्रेन हेमरेज से प्राकृतिक मौत हुई थी।

 

विवेक मेहता ने कहा कि बिना अनुमति के गाए गए इस आपत्तिजनक गीत से उनके दादा की मौत के इतने सालों बाद भी उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई गई है। “उनके पढ़ाए छात्र आज भी जीवित हैं, और उनके योगदान को याद करते हैं।” विवेक मेहता ने कहा कि कुछ अन्य गायकों ने भी इस आपत्तिजनक गीत को परिजनों की अनुमति के बिना अपनी आवाज में गाया हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया है, उन सभी गायकों की जानकारी परिवार के पास है। इन गायकों द्वारा बिना अनुमति गाए इस आपत्तिजनक गीत से न केवल उनके दादा की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है बल्कि परिजनों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। इसके अलावा गीत में गाए गाने के कारण दो क्षेत्रों में भी तनाव की स्थिति बन सकती थी। उन्होंने ऐसे सभी गायकों से अपील की है कि इस आपत्तिजनक गीत को वे अपने प्लेटफॉर्म्स से हटाएं और परिजनों से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। अन्यथा परिवार ऐसे गायकों के खिलाफ कानून का सहारा लेगा।

परिजनों का कहना है कि एक शिक्षाविद, देशभक्त और सम्मानित व्यक्ति की छवि को जिस तरह से आहत किया गया, उसकी भरपाई तो संभव नहीं है। लेकिन रोशनी शर्मा द्वारा सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगना एक नैतिक पहल है, जिसे उन्होंने स्वेच्छा से किया, और जिसे परिवार ने संज्ञान में लिया है।

Deepika Sharma

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