
रक्तदान के फायदे इन्हें जानकर आप भी करना चाहेंगे रक्तदान।
खून दान(blood donation) में दूसरों के साथ आपका भी फायदा है। इससे तमाम गंभीर बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। इसके साथ ही जरूरतमंदों की जान बचाने में भी सहायक है।
इस बारे में डॉक्टर गंगा का कहना है की
*इसलिए* *जरूरी* *रक्तदान*
खून का किसी भी प्रकार का उत्पाद नहीं किया जा सकता और ना ही इसका कोई विकल्प है।
खून की निरंतर आवश्यकता है। रक्त घटक(blood component) हर रोगी की आवश्यकता है।
सड़क दुर्घटना और ट्रामा के शिकार हुए व्यक्ति भारी मात्रा में खून बह जाता है। ऐसे में रक्त आधान(blood transfusion) व्यक्ति का जीवन बचा सकता है।
अस्पतालो में डॉक्टरी इलाज के चलते जैसे हार्ट सर्जरी, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, लेकिमिया और कैंसर के इलाज के लिए ब्लड बैंक में पर्याप्त रक्त भंडार होना चाहिए।
विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिला और थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की मृत्यु हो जाती है समय पर खून ना मिलने की वजह से ।
[कोन कर सकता है *रक्तदान*।
कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच है वह रक्तदान कर सकता है।
कोई भी व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से ज्यादा है वह रक्तदान कर सकता है।
जो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक है और जिसे कोई बीमारी नहीं है वह रक्तदान कर सकता है।
प्रदान करने के लिए व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 12.5g/dL होना चाहिए।
रक्तदान की प्रक्रिया क्ई अनिवार्य से टेस्ट होकर गुजरती है जैसे (HIV) एचआईवी, मलेरिया, टाइटस बी सी(Hepatitis B,C), सिफलिस ताकि प्राप्तकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
[*रक्तदान* *को* *टाला* *जा* *सकता* *है अगर* *आप* ।
अगर आप मामूली बीमारी जैसे बुखार खांसी आदि से पीड़ित है रक्तदान के समय।
यदि लंबे समय से आपकी कोई मेडिकल ट्रीटमेंट या एंटीबायोटिक चल रही है तू भी रक्तदान को टाला जा सकता है।
यदि रक्तदान करने वाले व्यक्ति की हाल फिलहाल में कोई आपरेशन हुआ हो तो भी वह रक्तदान नहीं कर सकता।
महिला जिसका गर्भपात पिछले6 महीने में हुआ हो या वो महिला गर्भवती हो तो भी बहुत अच्छा नहीं कर सकती।
इंजेक्शन लगाने के लिए कोई हुई साझा करना या पुरानी कोई ड्रग हिस्ट्री निकलने पर भी आप खून दान नहीं कर सकते।
यदि आप कभी भी एचआईवी पॉजिटिव, बीसी पॉजिटिव हुए हैं तो भी आप खून दान नहीं कर सकते।
गंभीर हृदय रोगी समस्या, कैंसर, किडनी, फेफड़ा, आदि बीमारियां होने वाला व्यक्ति भी रक्तदान नहीं कर सकता।
: *रक्तदान* *करने* के *फायदे* ।
डॉक्टरो का मानना है कि रक्तदान के बाद खून पतला हो जाता है जो कि हफ्ते के लिए अच्छा होता है जिससे हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है।
रक्तदान के बाद बोन मैरो नई लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है। इसी शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती में मिलती हैं।
रक्तदान करने से व्यक्ति को उसका ब्लड ग्रुप में पता चल जाता है और साथ ही डोनेशन का सर्टिफिकेट भी मिलता है।
यदि कोई व्यक्ति निरंतर रक्तदान करता है तो वह और लोगों को भी रक्तदान करने के लिए उत्साहित कर सकता है।
रक्तदान स्वास्थ्य जांच कराने का भी एक अच्छा मौका है।
असर टीम से चंदा की रिपोर्ट


