
भले ही हिमाचल सरकार ने सुख आश्रय योजना में ख़ूब वाहवाही बटोरी हैं लेकिन अनाथ बच्चों को सुख देने के कई कार्यक्रमों में बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है ऐसा ही एक मामला राज्य शिशु गृह का है ग़ौर हो कि
अनाथ बच्चों के लिए शिमला के नामी कोवेंट और प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलवाया है लेकिन आपको मालूम भी नहीं होगा कि इस योजना के क्रियान्वयन में कई बच्चें बहुत परेशानी का सामना कर रहे है ।
उल्लेखनीय है कि राज्य शिशु गृह से शिमला के तारहाल और दयानंद स्कूल में लगभग आठ बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं निसंदेह ये योजना कबीले तारीफ़ है लेकिन बच्चों को जो गाड़ी की व्यवस्था की गई है उससे बच्चे परेशान होकर बीमार भी पड़ रहे हैं ।
कुछ बच्चों को दोपहर बारह बजे छूटी हो जाती है लेकिन बच्चों को उस टैक्सी में बैठाकर बाकी बच्चों का इंतजार दो घंटे तक करना पड़ता है अब परेशानी यही तक सीमित नहीं है क्योंकि एक ही समय में दोनों स्कूलों के बच्चों को छूटी हो रही होती है ।अब तो गर्मी में बच्चों के बीमार पढ़ने की संभावना और ज़्यादा हो सकती है
अधिकारियों को बताई गई है परेशानी
इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है
साथ आया हो तो और बेहतर हो…
प्रत्यक्षदर्शियों का मानना है कि बच्चों के साथ संबंधित शिशु गृह का ड्राइवर तो होता है पर साथ कोई आया नहीं होती है । जब एक समय में दो जगह छुट्टी होती है तो काफ़ी समय तक गाड़ी में यदि ड्राइवर के साथ कोई आया हो तो बच्चे और अधिक सुरक्षित हो सकते हैं
तारा हॉल स्कूल में तीन लड़कियां है 2:00 बजे उनको छुट्टी होती है ।दयानंद स्कूल में चार लड़के हैं ।एक बच्चे को छुट्टी होती है 11:50 पर दूसरे बच्चे को छुट्टी होती है 12:15 पर तीसरे बच्चे को छुट्टी होती है 1:15 चौथे बच्चे को छुट्टी होती है 2:00 बजे ।
तारा हॉल स्कूल की टाइमिंग है सुबह 8:00 बजे और दयानंद स्कूल की टाइमिंग है सुबह 8:30 दयानंद स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं नर्सरी केजी यूकेजी फर्स्ट में तारा हॉल स्कूल में तीन लड़कियां फर्स्ट क्लास में है
छूटी का समय
दयानंद
1= 11.50
2=12.15
3=1.15
4=2.00
तारा हाल
2.00

