विविध

हिमाचल प्रदेश उच्च गुणवत्ता वाले रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडों के निर्यात में अग्रणी

हिमाचल प्रदेश ने उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों को आपूर्ति करते हुए उच्च गुणवत्ता वाली रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडों के अग्रणी निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होकर प्रगतिशील ट्राउट हैचरी मछली पालकों ने केवल उत्तराखंड को 9.05 लाख रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडे उपलब्ध करवाए हैं।
इस वर्ष मत्स्य विभाग ने कुल्लू जिले के पतलीकूहल और हामनी, मंडी जिले के बरोट, शिमला जिले के धमवाड़ी, किन्नौर जिले के सांगला और चंबा जिले के थल्ला, होली और भंडाल में स्थित अपने आठ सरकारी फार्मों से 12.60 लाख रेनबो ट्राउट के आंख वाले अंडों और 1.74 लाख ब्राउन ट्राउट के आंख वाले अंडों का उत्पादन किया है। इस प्रजाति की मछली का प्रजनन अभी भी जारी है, इसलिए आंख वाले अंडों का कुल उत्पादन 20 लाख से अधिक होने की उम्मीद है, जो सरकारी क्षेत्र में पिछले साल के 15.79 लाख से उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसके अतिरिक्त, निजी क्षेत्र से भी बराबर मात्रा में योगदान की उम्मीद है, जिसमें कुल्लू, मंडी और सिरमौर जिलों में 9 कार्यात्मक हैचरी का सामूहिक रूप से 20 लाख आंख वाले अंडों के उत्पादन का लक्ष्य है। राज्य में कुल ट्राउट उत्पादन, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,402 मीट्रिक टन था, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,600 मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है। विभाग ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश को आंख वाले अंडों की आपूर्ति करने में कुल्लू के मछलीपालकों की सहायता की है। मंडी जिले के गांव स्वाद के शेर सिंह और मंडी जिले के जोगिंदर नगर क्षेत्र के गांव शानन के राजीव जसवाल और कुल्लू जिले के गांव फोजल की सरला नेगी जैसे प्रगतिशील मछलीपालकों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
राज्य के ठंडे पानी वाले क्षेत्रों में रेनबो ट्राउट उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिए, मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों के तहत मत्स्य विभाग ने कुल्लू के पतलीकुहल में ट्राउट फार्म में एक ठंडे पानी की रीसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम इकाई स्थापित की है। निजी क्षेत्र में भी इसी तरह की एक इकाई स्थापित की गई है और यह दोनों इकाइयां क्रियाशील हैं। मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने कहा कि सरकार की इन पहलों से राज्य में ठंडे पानी की जलीय कृषि में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। आने वाले सप्ताह में, जिला कुल्लू की सरला नेगी द्वारा अतिरिक्त 3 लाख रेनबो ट्राउट फ्राई भेजी जाएंगी, जिससे उत्तराखंड में जलीय कृषि और सुदृढ़ होगी।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यह सहयोगात्मक प्रयास इस क्षेत्र में क्रांति लाएगा, जिससे स्थायी आजीविका और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। रेनबो ट्राउट के अलावा, राज्य में ब्राउन ट्राउट के बीज उत्पादन में भी वृद्धि देखी गई है। धीमी गति से बढ़ने वाली प्रजाति ब्राउन ट्राउट का उत्पादन मुख्य रूप से जैव विविधता के संरक्षण और मत्स्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। जिला मंडी के बरोट और जिला शिमला के धमवाड़ी ट्राउट फार्मों में ब्राउन ट्राउट की नार्वे और डेनिश प्रजातियों का प्रजनन सफलतापूर्वक किया गया है। इन फार्मों में उत्पादित ब्राउन ट्राउट फिंगरलिंग को राज्य भर में ट्राउट-अनुकूल नदियों में स्थानांतरित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश में दिसंबर 2024 तक 3,524 लोग मत्स्य पर्यटन की ओर आकर्षित होकर प्रदेश में आए जिससे हिमाचल की प्रमुख मत्स्य गंतव्य के रूप में पहचान स्थापित हुई है। ये उपलब्धियां जल, कृषि और मत्स्य पालन विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे राज्य रेनबो ट्राउट को आंख वाले अंडों के उत्पादन और सतत मत्स्य पालन में अग्रणी है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मत्स्य पालन विभाग की पहलों ने न केवल जलकृषि उत्पादन को बढ़ावा दिया है, बल्कि राज्य के युवाओं को इस क्षेत्र में नए अवसरों को तलाशने के लिए प्रेरित भी किया है। सतत और वैज्ञानिक जलीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देकर, हम किसानों की अगली पीढ़ी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए सशक्त बना रहे हैं।

WhatsApp Image 2025-08-15 at 3.49.34 PM
WhatsApp Image 2025-08-15 at 3.50.07 PM
IMG_0019
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.16 PM
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.16 PM (1)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM (1)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.17 PM (2)
WhatsApp Image 2025-09-29 at 6.32.18 PM
Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close