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कर्मचारीयों ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का भारी विरोध जताया

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आज एनपीएस कर्मचारियों ने एन०पी०एस० कर्मचारी महासंघ जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा की अध्यक्षता में नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पैंशन स्कीम राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु व एन०पी०एस०ई०ए० के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर के रामपुर में भी कर्मचारीयों ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का भारी विरोध जताया। इस अवसर पर एन०पी०एस० कर्मचारी महासंघ जिला शिमला अध्यक्ष कुशाल शर्मा ने कहा है कि कॉरपोरेट सेक्टर के द्वारा गहरी साजिश के तहत पहले देश में एनपीएस लागू की गई जब एमपीएस का विरोध हुआ और कुछ राज्य में ओपीएस लागू हुई तो उन्होंने यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) के नाम से एक नया शगुफा कर्मचारियों को बहकाने के लिए फेंक दिया जिसका विरोध पूरे देश के अंदर हो रहा है कुशाल शर्मा ने कहा कि यद्यपि हिमाचल प्रदेश में यूपीएस लागू हो चुकी है लेकिन फिर भी एक राष्ट्र होने के नाते हम सभी का फर्ज है कि जिस तरह से हमें ओपीएस बहाली वाले राष्ट्रीय नेतृत्ल व अन्य राज्यों के ओपीएस कर्मचारी संगठनों ने ओपीएस आंदोलन में हिमाचल का साथ दिया आज हम भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तहत अन्य राज्य में ओपीएस की बहाली तथा यूपीएस का विरोध के लिए उनके साथ खड़े हैं इसके साथ-साथ कुशाल शर्मा ने कहा कि नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पैंशन स्कीम के राष्ट्रीय आवाह्न पर यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) का भरपूर विरोध किया राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय कुमार बंधु की अगवाई में यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन पूरे देश के अंदर चल रहा है जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारी व राज्य सरकारों के अधीनस्थ कर्मचारी इस यूपीएस स्कीम का पूरे देश में विरोध कर रहे हैं । कुशाल शर्मा ने कहा कि यद्यपि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस यानि पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो चुकी है तथापि प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रदीप ठाकुर के आवाह्न पर पूरे प्रदेश के अंदर भी इसका विरोध किया जा रहा है ।कुमार बंधु जी व तमाम राष्ट्रीय कार्यकारिणी तथा अन्य राज्यों के साथियों ने हिमाचल प्रदेश का भरपूर सहयोग दिया था।इसके साथ-साथ कुशाल शर्मा ने कहा की हिमाचल प्रदेश एमपीएस कर्मचारियों का जो 1230 हजार करोड रुपए के लगभग की राशि केंद्र सरकार के अधीनसथ एनएसडीएल के पास लंबित पड़ी है उसकी वापसी के लिए भी केंद्र सरकार से आग्रह किया है इसका लाभ न केवल एनपीस कर्मचारीयों को होगा बल्कि हिमाचल प्रदेश सरकार को भी इसका लाभ होगा अतः जैसे एनपीएस नीति में कहा गया था कि ओपीस या एनपीएस लागू करना यह हर राज्य का एक स्वतंत्र अधिकार है लेकिन आज केंद्र सरकार कारपोरेट सेक्टर के हाथों कठपुतली बन चुकी है और ओपीएस को हटाने की बात कर रही है जो कभी संभव नहीं है इसके लिए कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार का भी ओपीस बहाली के लिए आभार जताया है केंद्र सरकार द्वारा समर्थित यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) का भारी विरोध जताया है व केंद्र सरकार अधिनस्थ एनएसडीएल के पास लंबित 1230 हज़ार करोड़ रुपए की घर वापसी यानि कर्मचारियों के पैसों को वापिस लौटाने की मांग की है।

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Deepika Sharma

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