ख़ास ख़बर: “आओ लौटें सरकारी स्कूलों की ओर”
*शिक्षा विभाग की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र, बटोरी तालियां*

*शिमला।*
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में शिक्षा विभाग की झांकी ने अपनी अलग पहचान बनाई। समग्र शिक्षा हिमाचल द्वारा तैयार “आओ लौटें सरकारी स्कूलों की ओर” का संदेश देती इस झांकी ने राज्य के सरकारी स्कूलों में हो रहे सकारात्मक बदलावों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। झांकी ने शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल सरकार की दूरदर्शी सोच और प्रतिबद्धता को दर्शाया।
*गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: सरकार की प्राथमिकता*
झांकी ने दिखाया कि कैसे हिमाचल सरकार प्री-प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत है। “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हिमाचल सरकार की प्राथमिकता” विषय पर आधारित इस झांकी ने सरकारी स्कूलों में उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं, समावेशी शिक्षा, और छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में उठाए गए कदमों को उजागर किया।
*मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट: राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल*
इस झांकी में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के ड्रीम प्रोजेक्ट, राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल योजना को खासतौर पर दिखाया गया। ये स्कूल बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, खेल, और सह-शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से समग्र विकास का अवसर प्रदान करेंगे। यह योजना राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
*डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास*
झांकी में कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा को भी प्रमुखता दी गई। डिजिटल लाइब्रेरी, आईसीटी लैब, और अन्य आधुनिक तकनीकों के माध्यम से छात्रों को नई संभावनाओं से जोड़ा जा रहा है। इन प्रयासों से छात्र तकनीकी और व्यावसायिक कौशल में दक्ष बन रहे हैं।
*सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की नई पहल*
सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा शुरू करने की पहल को भी झांकी में बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया गया। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में आगे बढ़ने और वैश्विक भाषा में दक्षता हासिल करने का अवसर देना है।
*समावेशी शिक्षा और क्लस्टर स्कूल योजना*
झांकी ने हिमाचल की समावेशी शिक्षा नीति को भी प्रदर्शित किया, जिसमें सभी क्षमताओं वाले बच्चों को समान अवसर दिया जा रहा है। क्लस्टर स्कूल योजना के माध्यम से संसाधनों का बेहतर उपयोग कर शिक्षा को और प्रभावी बनाने के प्रयासों को भी झांकी में दिखाया गया।
*डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना*
डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना को झांकी में प्रमुखता से स्थान दिया गया।इस योजना के अंतर्गत जिस छात्र के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है , उसको उच्च शिक्षा हेतु हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 20 लाख रुपए का लोन मात्र 1% ब्याज पर ही उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक बाधाओं के कारण कोई भी बच्चा उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। साथ ही, शिक्षकों की नई शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षण और उन्हें आधुनिक तकनीकों से लैस करने की पहल को भी प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।
*झांकी ने दर्शकों की वाहवाही बटोरी*
समग्र शिक्षा की झांकी ने न केवल समारोह का मुख्य आकर्षण बनकर दर्शकों की तालियां बटोरीं, बल्कि हिमाचल में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी सुधारों को भी उजागर किया। इस झांकी ने न केवल हिमाचल की शिक्षा प्रणाली की सकारात्मक दिशा को दर्शाया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार बच्चों के समग्र विकास और शिक्षा के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।



