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रिप्पन अस्पताल की इस घड़ी में बजते है हमेशा “पौने सात”

कई दिनों से घड़ी है ख़राब

राजधानी शिमला के रिप्पन अस्पताल के जन ओषधि केंद्र के बाहर  पिछले कई महिनों से घड़ी में पौने सात ही बज रहे हैं। यह घड़ी कई महिनों से खराब पड़ी है। लेकिन वहां पर काम करने वाले किसी भी व्यक्ति की इस बात पर कई महिनों से नज़र तक  नहीं गई है।अस्पताल आने वाले लोगों  को भी इससे परेशानी पेश आ रही है लोगों का कहना है कि

बंद घड़ी ठहराव का प्रतीक है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डाल सकती है। घड़ी बंद होने के कारण ऐसा नहीं है कि लोग  अपना काम नहीं कर रहे हैं। लोग आ-जा रहे हैं। लेकिन जब भी आने जाने वाले लोग क्लॉक की तरफ नजर घुमा रहे हैं तो वहां मौजूद घड़ी की सुइयां थमी हुई दिखाई देती हैं।जनता की माने तो

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अक्सर हम अपने आस-पास की कई सारी चीजों को नजर अंदाज कर देते हैं। यदि हम अपनी नजर इधर-उधर घुमा कर देखें तो कई सारी ऐसी चीज़ें हमें मिलेंगी, जिन्हें हमने बिना किसी काम के संभाल कर रखा है। खराब मोबाइल , बंद घड़ी, बंद या टूटा इलेक्ट्रॉनिक सामान। इन्हीं में से आज कल रिपन की  घड़ी एक उदाहरण लेकर सामने आयी है ।जिसके बंद होने या खराब हो जाने के बाद भी  कई दिनों तक संभाल कर क्यों रखा गया है ।

 

Deepika Sharma

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