विशेषस्वास्थ्य

EXCLUSIVE: टीबी रोग होने पर बच्ची संग माँ को ही छोड़ दिया

हिमाचल के सबसे पढ़े लिखे ज़िले की घटना

महिला ने “असर न्यूज़” को सुनाई दिल को झकझोर देने वाली घटना

भाग: एक

भले ही हिमाचल टीबी फ्री का सपना देख रहा है लेकिन इसे लेकर हिमाचल को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे ही कई उदाहरण हिमाचल में देखने को मिले है हालाँकि अब ये टीबी वॉरीअर बन कर हिमाचल में टीबी भगाने में काम कर रहे है लेकिन वॉरियर बनने तक इन टीबी वॉरीअर  का सफ़र काफ़ी काँटों भरा रहा है ।

 

ऐसे ही दिल को झकझोर देने वाली पहली कहानी है रचना(काल्पनिक नाम) की…
रचना को 2019 में टीबी हो गया। हमीरपुर की रहने वाली रचना का विवाह दिल्ली में हुआ । दिल्ली में एक अस्पताल में वह नर्सिंग कर रही थी । जब तबीयत बिगड़ी तो उसे टेस्ट के दौरान मालूम पड़ा कि उसे टीबी हो गया। ज्योति कहती है कि उस समय उसे ये डर लग रहा था कि आख़िर वह अपने परिवार वालों को कैसे बतायें? 

जब तबीयत बिगड़ी तो रचना अपने ससुर के साथ दिल्ली में एक क्लिनिक में इलाज के लिए गई । जहां पर जब ससुर को मालूम पड़ा की रचना को टीबी की शिकायत हो सकती है उसके परिवार का व्यवहार बदलने लगा ।

रचना इतनी कमजोर हो गई की वह बिस्तर से भी नहीं उतर सकती थी जब तबीयत बिगड़ी तो  उसे दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती किया गया तो वह आईसीयू में चली गई ।

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रचना कहती है उस दौरान नाही उसके पति उससे मिलने आये और नाही उसके ससुराल से कोई उससे मिलने आया । यही नहीं बल्कि रचना कहती है कि उसकी बेटी को भी उससे मिलने नहीं दिया गया।

रचना कहती है कई दिनों तक उससे कोई मिलने नहीं आया। एक दिन अस्पताल वालों ने रचना के माता पिता को फ़ोन किया कि उसे इधर से ले जाओ ईस्को घर पर देखभाल की ज़रूरत है। नही तो ये मर जायगी…

 
ये खबर मिलते ही माता पिता दिल्ली आये और अपनी बेटी को हमीरपुर वापस ले आए इस दौरान कोई भी संपर्क ससुराल वालों ने रचना से नहीं किया।बिस्तर पर कई समय तक माता पिता ने रचना की सेवा की।
रचना कहती है कि बीच में ससुराल वालों का फ़ोन आता है और ये पूछते है कि क्या आपकी लड़की ख़ाना बनाने लायक़ हो गई है ?

रचना नम आँखों से कहती है की ये सुन कर कौन वापस जा सकता है? अब अपने पति से उसकी तलाक़ की कार्रवाई चल रही है। बेटी अपनी माँ रचना के साथ है।
रचना कहती है कि अब वह इस बारे में नहीं सोचती है बस चाहती है की किसी और महिला के साथ ऐसा नहीं हो। वह अब Tb प्रभावितों की counselling कर रही है। वह अब टीबी वॉरियर बन कर काम कर रही है

 

“टीबी फ्री “ होने पर अभी भी हिमाचल में कई बड़ी चुनौतियां है । भले ही पूरी उम्मीद है कि हिमाचल टीबी फ्री होगा लेकिन एक पढ़े लिखे सामाज में भी ऐसी दर्दनाक घटनाएँ सामने आती है….
“असर न्यूज़ “ने ऐसे ही कई TB Warriors से ख़ास बातचीत की .. उनकी कहानियाँ निसंदेह दिल को पसीज देने वाली थी..

 

Deepika Sharma

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