5° डिग्री सेल्सियस तापमान में वोकेशनल शिक्षको ने उठाई है हक़ कि आवाज़

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में रात्रि के समय में 5° डिग्री सेल्सियस तापमान में हिमाचल प्रदेश में पिछले काफी समय से शिक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे वोकेशनल शिक्षको को अपने सुरक्षित भविष्य के लिए सरकार के समक्ष पॉलिसी बनाने के लिए ठंड में रातें सड़को पर गुजारनी पड़ रही हैं।

पूर्व प्रान्त महामंत्री मामराज पुंडीर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कहना है कि
समाज का शिक्षित वर्ग और हिमाचल प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने वाला शिक्षक आज ख़ुद इस कड़कड़ाती ठंड में सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री जनों से न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।सरकार का भी यह दायित्व बनता है कि इनकी पीड़ा को समझने का प्रयास करे। हैरानी की बात है कि प्रदेश के कर्मचारियों को गुमराह कर सता के गलियारों में बैठे नेतागण पिछली बार तख्ती लेकर विधानसभा पहुंचे थे ।आज सता हासिल करने के बाद मुंह पर पट्टी लगाए बैठे है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर जी ख़ुद एक कर्मचारी के बेटे है उनसे मेरा निवेदन है कि इन सभी बंधुओं से वार्तालाप करें और इनके लिए पॉलिसी बनाएं। जब ये प्रदेश सरकार के कर्मचारी है तो ठेकेदारी प्रथा बंद करके सरकार सीधे इनके लिए पॉलिसी बनाएं और वेतन सीधे तौर पर दिया जाए। हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के ५३ संगठन सिर्फ़ नेतागिरी करने के लिए है ,क्या इन संगठनों का दायित्व इन साथियों के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ा होना नहीं बनता।
आप सभी साथी हिम्मत रखिए, हम आपके साथ है ।जल्द ही शिमला आकर आपके साथ अनशन पर बैठूँगा।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने हैरानी जताते हुए कहा कि आज प्रदेश का कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर है। बिजली बोर्ड, ट्रांसपोर्ट, पेंशनर्स, शिक्षक, एसएमसी अध्यापक, आदि संगठन अपनी मांगों को लेकर सरकार से आग्रह कर रहा है। परन्तु सरकार से आग्रह करने वाले कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर सरकार के पास मांगो को लेकर कर्मचारी नही जाएगा तो कहां जाएगा। डॉ मामराज पुंडीर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का भी योगदान है। और जो शिक्षक साथी अपनी मांगों को लेकर शिमला की इस ठंड में आपसे मिलने का आग्रह कर रहे है, उनसे जल्द वार्तालाप करे।



