
उच्च शिक्षा विभाग ने विदेशी भ्रमण हेतु शिक्षकों की पात्रता शर्ते बदल दी है।असर न्यूज़ पर प्रकाशित खबर का असर ये हुआ है कि उच्च शिक्षा विभाग ने विदेशी भ्रमण हेतु शिक्षकों की पात्रता शर्ते बदल दी है जिसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। ग़ौर हो कि
हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने शिक्षकों के विदेशी भ्रमण हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित की गई शर्तों को अव्यवहारिक बताया था तथा कहा कि इन शर्तों के कारण अधिकतर पात्र शिक्षक इस भ्रमण हेतु निवेदन तक नहीं कर पाने थे
। प्रवक्ता संघ जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने उच्च शिक्षा विभाग तथा प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा पात्रता शर्तों संबंधी जारी की गई अधिसूचनाओ का जिक्र करते हुए कहाथा है कि जहां प्रारम्भिक शिक्षा विभाग ने पांच वर्षों का न्यूनतम परीक्षा परिणाम मात्र 65 प्रतिशत होने को शर्त रखी थी जबकि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत आयोजित होने वाली अधिकतर परीक्षाओं में किसी भी विद्यार्थी को फैल करने का प्रावधान नहीं था
वही उच्च शिक्षा विभाग जहां सभी परीक्षा परिणाम को गहन मूल्यांकन के बाद घोषित किया जाता है वहां पर लगातार पांच वर्ष तक 100 प्रतिशत परीक्षा परिणाम की शर्त रखी गई थी जो मुख्यता अंग्रेजी जेसे अनिवार्य एवं गणित विज्ञान जैसे कठिन विषयों के खास तौर से शैक्षणिक, सामाजिक , आर्थिक तथा भौगोलिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के विद्यालयों के शिक्षकों के लिए असंभव थी
साथ ही प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में नियमित एवं शेष सेवाकाल को मात्र तीन वर्ष रखा गया है जबकि उच्च शिक्षा विभाग में जहां अधिकतर शिक्षक दशकों तक पदोन्नति की अथवा बैच वाइस भर्ती की प्रतीक्षा के बाद नियमित होते है वहां नियमित एवं शेष सेवा शर्त को पांच वर्ष रखा गया है जिसके कारण केवल चुनिंदा शिक्षक और उनमें से भी अधिकतर वही है जो पिछले वर्ष भी विदेशी भ्रमण कर चुके है वहीं पुनः इस भ्रमण हेतु निवेदन कर पाए है।अतः प्रवक्ता संघ अध्यक्ष ने माननीय शिक्षा मंत्री महोदय से मांग कि रही कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस विषय पर जारी सेवा शर्तों को प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अनुरूप कर एक समान किया जाए ताकि अधिकतर शिक्षक सरकार की इस ऐतिहासिक योजना का लाभ उठा सके । जिस पर आगामी अधिसूचना जारी की गई है



