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उसके अधिकार, उसकी सुरक्षा

राजकीय महाविद्यालय संजौली में ‘उसके अधिकार, उसकी सुरक्षा: कार्यस्थल पर उत्पीड़न और कानूनी उपचार’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

 

महिला प्रकोष्ठ, राजकीय महाविद्यालय संजौली द्वारा आज ‘उसके अधिकार, उसकी सुरक्षा: कार्यस्थल पर उत्पीड़न और कानूनी उपचार’ विषय पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो भारती भागड़ा के दिशा निर्देशानुसार महिला प्रकोष्ठ द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढ़ाना और ऐसे मामलों से निपटने के लिए उपलब्ध कानूनी उपायों की जानकारी देना था।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्रीमती ममता पॉल, जिला कार्यक्रम अधिकारी, शिमला (महिला एवं बाल विकास विभाग) की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर उप-प्राचार्य श्री नरेश वर्मा ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई।

कार्यशाला की शुरुआत सुबह 11:20 बजे दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद सरस्वती वंदना का आयोजन किया गया। प्रो. भारती शर्मा ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और कानूनी ढांचे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।

मुख्य वक्त श्रीमती ममता पॉल ने अपने मुख्य भाषण में यौन उत्पीड़न, इसके व्यापक प्रभाव और इसे रोकने के लिए बनाए गए कानूनी ढांचे, जैसे विशाखा दिशानिर्देश और पोश अधिनियम पर प्रभावशाली प्रस्तुति दी। उन्होंने जागरूकता और कानूनी साक्षरता के महत्व पर जोर दिया, ताकि महिलाओं के लिए कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाया जा सके।

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कार्यशाला में महाविद्यालय के छात्रों द्वारा भी प्रस्तुतियाँ दी गईं। हर्षिता, खुशबू और प्रद्युमन शर्मा ने ‘विशाखा दिशानिर्देश और पोश अधिनियम’ पर जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, अनु ठाकुर और लावण्या ठाकुर ने स्वच्छता उत्पादों के निपटान और सेनेटरी वेंडिंग मशीनों के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम के सांस्कृतिक खंड में थिएटर क्लब द्वारा ‘अनदेखी कहानी, चीज़ें जो दबाई गई’ शीर्षक से एक नाटक प्रस्तुत किया गया। इस नाटक ने समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ किए गए अपराधों और सामाजिक समानता एवं मानवाधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर किया।
मुख्य अतिथि श्री नरेश वर्मा ने अपने समापन भाषण में समाज से सामूहिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि कार्यस्थलों पर उत्पीड़न को रोका जा सके और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस कार्यशाला को सफल बनाने में महिला प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ. भारती शर्मा, डॉ. मीनाक्षी शर्मा, प्रो. दीप्ति गुप्ता, डॉ. अनुपमा चौधरी, डॉ. पूर्णिमा थापर, डॉ पूनम, डॉ. अनुज और डॉ. आदर्श और प्रो. कृति का योगदान रहा। इसके अतिरिक्त जेंडर चैंपियन ऋचा शर्मा, सानिया, लावण्या, वनिता अनु ठाकुर का विशेष योगदान रहा।

Deepika Sharma

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