
7 मार्च की कैबिनेट में एसएमसी अध्यापकों को अनुबंध में लाने का फैसला लेने के बाबजूद धरातल में कुछ नहीं
एसएमसी अध्यापक संघ द्वारा लंबे समय से नियमित होने के लिए संघर्ष किया जा रहा है वर्तमान सरकार ने सता में आते ही उन्हे नियमित करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई कैबिनेट सब कमेटी के माध्यम से रिपोर्ट कैबिनेट को गई इस दौरान एसएमसी अध्यापकों को सर्दी में 46 दिनों का क्रमिक अनशन भी शिमला में करना पड़ा 7 मार्च 2024 की कैबिनेट में ये मामला गया और फैसला लिया गया कि एलडीआर के माध्यम से एसएमसी अध्यापकों को 2 वर्ष के अनुबंध के पश्चात नियमित किया जायेगा इस हेतु सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को प्रस्ताव बनाने एवम् प्रक्रिया शुरू करने के लिए पत्र भी जारी किया गया है परंतु दुर्भाग्यबंश मामला जस का तस है एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा एवम् प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि बड़े खेद के साथ ये कहना पड़ रहा है कि 12 वर्षों के निरंतर शोषण के बाद भी विभाग इस तरह का रवैया अपना रहा है तो इस के पीछे की वजह क्या है जब की सभी अस्थाई अध्यापक पीटीए तथा पैरा और उर्दू पंजाबी एसएमसी अध्यापक इत्यादि।
इस संदर्भ में एसएमसी अध्यापक संघ कुछ दिनों पूर्व शिक्षा मंत्री से मिला उनका कहना है कि जल्द प्रक्रिया शुरू की जा रही है परंतु वास्तव में ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है कैबिनेट के फैसले के उपरांत 6 महीने जाने को है जब की शिक्षा विभाग का ऐसा रवैया हम पहली बार देख रहे हैं।
एसएमसी अध्यापक संघ शिक्षा विभाग से 15 अगस्त से पहले प्रक्रिया को शुरू करने की मांग करता है यदि विभाग सेवाएं नियमित करने की प्रकिया को 15 अगस्त से पहले शुरू नहीं करता तो पुनः एसएमसी अध्यापक संघ को कक्षाएं छोड़ कर सड़कों पर आर पार की लड़ाई लड़नी पड़ेगी जिसके लिए एक बार पुनः शिक्षा विभाग पूरी तरह से जिमेदार होगा एसएमसी अध्यापक पूरी योग्यता रखता है और मेरिट के आधार पर नियुक्त है अब हम शोषित होकर पूरी तरह से टूट चुके हैं और सड़कों पर निकलने के अलावा कोई चारा नहीं रहा है।
निर्मल ठाकुर , प्रवक्ता एसएमसी अध्यापक संघ ने ये जानकारी दी।



