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बड़ी खबर: पहली बार सरकारी स्कूलों में भी होगी आवासीय सुविधा

पीपीपी मोड पर बनेंगे हिमाचल में आवासीय स्कूल

 

*24 जुलाई को सचिवालय में शिक्षा विभाग की इस पहल पर होगी व्यापक चर्चा*

*पीपीपी मोड के तहत इच्छुक पार्टियों से चर्चा करने के बाद इसे धरातल पर उतारने की तैयारी में जुटा समग्र शिक्षा*

हिमाचल में पहली बार आवासीय सरकारी स्कूल बनाने की शुरुआत हो गई है। यानी जल्द ही युवा पीढ़ी आवासीय स्कूलों में बेहतरीन शिक्षा ग्रहण करेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग हिमाचल के दो जिलों में आवासीय स्कूल योजना को लागू कर रहा है। शिक्षा विभाग इस योजना को लागू करने के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड) पर कार्य करने जा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग 24 जुलाई को सचिवालय शिमला में इस योजना को लेकर इच्छुक पार्टियों से व्यापक चर्चा करने के लिए खुले मंच का आयोजन करने जा रहा है, ताकि इस योजना को जल्द से जल्द लागू किया जा सके। बताते चले कि ये पहली बार है जब शिक्षा विभाग द्वारा हिमाचल के सरकारी स्कूलों में आवासीय सुविधा को शुरू किया जा रहा है। पहले चरण में हिमाचल के मंडी जिला के दो स्थानों धर्मपुर व गोहर और ऊना जिला के बंगाणा में इस योजना के तहत आवासीय स्कूल बनने प्रस्तावित है। इसके लिए प्रदेश सरकार उन पार्टियों को इस योजना में शामिल कराने की कोशिश में है जो पहले से ही शैक्षणिक ढांचे को बेहतर करने में अपना बेहतरीन योगदान दे चुके है। सरकार का कहना है कि अगर ये फार्मूला सफल होता है तो निश्चित तौर से अन्य जिलों में भी इस तरह के आवासीय स्कूल बनाने की पहल शुरू करेगी। पहले चरण को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग बाकायदा 24 जुलाई को सचिवालय में इस नई मुहिम के संदर्भ में व्यापक चर्चा करने के लिए एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है, ताकि इस मौके पर जो भी इच्छुक पार्टियां है वो अपना सुझाव व अपनी शिकायतें शिक्षा विभाग के समक्ष रख सकें। इस मौके पर शिक्षा विभाग की तरफ से प्रारंभिक शिक्षा के उप निदेशक बीआर शर्मा भी उपस्थित रहेंगे।

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*सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए आवासीय स्कूल का फार्मूला कारगर साबित होगा*

अभी तक सरकारी स्कूल में आवासीय योजना को लागू नहीं किया गया है। ये पहली बार है जब एक स्कूल में बच्चें न केवल पढ़ाई करेंगे बल्कि वहीं पर रह कर अपने भविष्य को बेहतरीन बनाने प्रति अग्रसर होंगे। शिक्षा विभाग का ये नया फार्मूला निश्चित तौर से स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने में कारगर साबित होगा।

Deepika Sharma

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