हिमाचल प्रदेश जैव विविधता बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस-2024 का आयोजन

हिमाचल प्रदेश जैव विविधता बोर्ड ने 22 मई, 2024 को विज्ञान, शिक्षाऔर रचनात्मकता केंद्र (सी0एस0एल0सी0) शोघी, शिमला में अंतर्राष्ट्रीयजैव विविधता दिवस मनाया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य जैवविविधता के संरक्षण और स्थायी उपयोग में सामूहिक कार्रवाई के महत्वपर जोर देते हुए “बी पार्ट ऑफ़ दा प्लान “ विषय को उजागर करना था।
इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। श्री प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, जो हिमाचल प्रदेश जैव विविधताबोर्ड के अध्यक्ष भी है, वह इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे शामिल हुए। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्यसचिव श्री डी0सी0 राणा, और डॉ0 सुरेश सी. अत्री, संयुक्त सदस्य सचिवहिमकोस्टे और हि0प्र0 राज्य जैव विविधता बोर्ड ने इस कार्यक्रम मेशिरकत कर इसकी गरिमा बढ़ाई।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस-2024 कार्यक्रम में प्रख्यात विशेषज्ञोंऔर तकनीकी सहायता समूहों (टी.एस.जी.) के प्रमुखों ने भी भाग लिया, जिन्होंने अपनी अमूल्य अनुभव और दृष्टिकोण साझा किए। विशेषज्ञअलग अलग प्रख्यात विश्वविद्यालयों और संस्थानों से उपस्थित हुए।उनकी सामूहिक विशेषज्ञता और योगदान एवम अनुभव ने पूरे हिमाचलप्रदेश में जैव विविधता संरक्षण और स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने कामहत्वपूरण कार्य किया जिसे उन्होंने प्रतिभागियो संग साझा किया।
हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड (एच0पी0एस0बी0बी0) नेपीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर (पी0बी0आर0) की तैयारी परप्रशिक्षुओं के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को हिमाचल प्रदेश की समृद्ध जैवविविधता का दस्तावेजीकरण करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञानसे लैस करना रहा, जिससे जैव संसाधनों के संरक्षण और टिकाऊ उपयोगमें योगदान दिया जा सके।
कार्यक्रम ने जैव विविधता दस्तावेज़ीकरण और प्रबंधन के लिए एकमूल्यवान उपकरण के रूप में पी0बी0आर0 के महत्व पर प्रकाश डाला।जैव विविधता का व्यापक रूप से दस्तावेजीकरण करके, पी0बी0आर0इन जैवसंसाधनों के उपयोग से होने वाले लाभ को और स्थानीय समुदायोंके योगदान को पहचानने और उन्हें उचित और न्यायसंगत लाभ सुनिश्चितकराने में मदद करता है।
हिमाचल प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के संयुक्त सदस्य सचिव डॉ. सुरेश अत्री, ने उल्लेख किया कि पी0बी0आर0 स्थानीय जैव संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान के विस्तृत रिकॉर्ड के रूप में काम करते हैं, जो जमीनी स्तर पर जैव विविधता संरक्षण की आधारशिला बनाते हैं। ये रजिस्टर जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत लाभ साझाकरण (एबीएस) प्रावधानों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पारिस्थितिकी, वनस्पति विज्ञान, प्राणीशास्त्र और पारंपरिक ज्ञानप्रणालियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने इस एक दिवसीएकार्यशाला मे प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने पारंपरिक ज्ञान केदस्तावेजीकरण में सटीक डेटा संग्रह और नैतिक विचारों के महत्व पर भीजोर दिया।
प्रशिक्षण में इंटरैक्टिव सत्र भी शामिल थे जहां पी0बी0आर0 की तैयारीके लिए गठित तकनीकी सहायता समूहों (टी0एस0जी0) ने प्रशिक्षुओं केसाथ अपने अनुभव साझा किए। स्थानीय विशेषज्ञों और समुदाय केसदस्यों वाले ये समूह हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पी0बी0आर0 कीतैयारी में सहायक रहे हैं। उन्होंने अपने फील्डवर्क के दौरान आने वालीचुनौतियों और सफलताओं के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की औरप्रशिक्षुओं को व्यावहारिक सुझाव दिए।
हिमाचल प्रदेश जैव विविधता बोर्ड (एच0पी0एस0बी0बी0) अध्यक्ष श्रीप्रबोध सक्सेना ने प्रशिक्षुओं को संबोधित किया और राज्य की जैवविविधता के संरक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
इस आयोजन ने जागरूकता बढ़ाने, जैव विविधता संरक्षण सहयोग कोबढ़ावा देने और हमारे राज्य की समृद्ध जैव विविधता की रक्षा कि दिशा मेंकार्रवाई करने का कार्य किया। इस कार्यशाला से ये निष्कर्ष सामने आयाकि सहयोगात्मक प्रयासों और व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के माध्यम से, हमआने वाली पीढ़ियों के लिए जैव संरक्षण और इसके दस्तावेजीकरण द्वारा एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।



