विशेष

असर विशेष:: वाह! मरीज़ को “पैरासिटमोल इंजेक्शन”भी निःशुल्क नहीं

मरीज़ ने लगाई सरकार से गुहार , जन औषधि केंद्र में उपलब्ध करवाएं जीवन रक्षक दवाएँ

No Slide Found In Slider.

इससे बड़ी मरीज़ों को सरकारी अस्पतालों में और क्या दिक़्क़त हो सकती है जब एक जीवन रक्षक दवा ही उसे जन औषधि केंद्र में नहीं मिल पाई हो। जानकारी के मुताबिक़ एक मरीज़ को एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सक ने पेरसिटमोल का इंजेक्शन लिखा लेकिन हैरानी है कि जन औषधि केंद्र में गया उसे यह injection नहीं मिल पाया। गरीब परिवार से संबंध रखनेवाला मरीज़ हर सरकारी सुविधा का लाभ लेने की उम्मीद रखता है। 
मरीज़ राम कुमार (काल्पनिक नाम) का

No Slide Found In Slider.
No Slide Found In Slider.


कहना है कि जब वहाँ इस injection को लेने के लिए जन औषधि केंद्र गए तो वहाँ पर कहा गया कि यहाँ से यह इंजेक्शन नहीं मिलेगा। बाहर से लाना होगा।
अब हैरानी तो यह है कि पैरासिटामोल जीवन रक्षक दवाओं की श्रेणी में आता है जब इसकी उपलब्धता ही मरीज़ों को समय पर और निःशुल्क नसीब नहीं हो पाई तो सरकारी अस्पतालों से और क्या उम्मीद की जा सकती है।
देखा जाय तो
हिमाचल में जनऔषधि केंद्र ख़तरे में है। जानकारी मिली है कि सरकार द्वारा जनऔषधि केंद्रों के लिए दवाओं की ख़रीददारी तो की गई लेकिन थोक दवा विक्रेताओं के लंबित राशि की अदायगी सरकार नहीं कर पाई है । क़रीब करोड़ों रुपयों का उधार सरकार पर है।
अब एसे में परेशानी दवाओं के थोक व्यापारियों के लिए भी खूब हो गई है। एक तरफ़ सिविल सप्लाई, मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूटर्स से 25 हज़ार की सिक्योरिटी माँग रही है उधर जन औषधि केंद्रों के लिए मेडिसिन डिस्रीब्यूटर्स की बकाया राशि की अदायगी अभी तक सरकार नहीं कर पाई है।

आख़िर इसका क्या कारण रहा है की सरकार इन करोड़ों की लंबित राशि अदायगी क्यों नहीं कर पाई लेकिन ये तो साफ़ है कि यदि एसा ही चलता रहा तो जनऔषधि केंद्रों में मरीज़ों को निःशुल्क दवाएँ उपलब्ध नहीं होगी और उन्हें बाहर से दवायें लेनी होगी

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close