ख़ास ख़बर: कर्मचारियों का एरियर बना वीरता पुरस्कार मरणोपरांत भी मिलता रहेगा

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी संशोधित वेतनमान के एरियर की अधिसूचना प्रथम दृष्टि से अविश्वनीय एवम् अव्यवहारिक लगती है। भुगतान का जो फार्मूला तय किया गया है इस पर अविश्वास करने की मुख्य वजह है सम्पूर्ण एरियर अदा करने की समयावधि।यदि संशोधित वेतनमान की बकाया राशि को 3% वार्षिक दर से दिया गया तो सम्पूर्ण अदायगी में 33 वर्ष लग जाएंगे जबकि प्रति 10 वर्ष बाद वेतन संशोधित होता है यदि प्रत्यक संशोधित वेतनमान को इसी प्रकार से लागू किया गया तो जो कर्मचारी 2026,2036 तथा 2046 का संशोधित वेतनमान भी लेंगे उन्हें तो अपने एरियर के लिए अगली शताबादी का इंतजार करना पड़ेगा तब तक मिलने भाग्यशाली कर्मचारी हिंसा रहेंगे यह भाग्य की बात है लगता है इसे वीरता पुरस्कार के साथ जोड़ा जा रहा हे जो जीवन के बाद भी मिलता रहेगा ।इसी प्रकार जो महंगाई भत्ता 3% प्रतिमाह की दर से निर्धारित है उसे 1.5% प्रतिमाह देना किस प्रकार न्यायोचित हो सकता हे ।प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर अध्यक्ष सुरेन्द्र पुंडीर तथा महासचिव डॉक्टर आई डी राही , वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, संरक्षक डॉक्टर दीर्घायू, डॉक्टर प्रेमपाल ठाकुर, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ,कोषाध्यक्ष विजय वर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश नेगी और महासचिव संजय शर्मा जिला कार्यकारिणी सदस्य एवं महिला विंग की अध्यक्षा रमा शर्मा, संध्या चौहान , राज्य कार्यकारिणी सलाहकार सतीश शर्मा, देवराज कन्याल आदि ने सरकार से निवेदन किया है कि इस अधिसूचना को संशोधित कर अदायगी की किश्तों को निश्चित समयावधि में देने का प्रावधान किया जाए जो व्यवहारिक तथा तर्कसंगत हो।

