कंप्यूटर अध्यापकों की सुध आख़िर कब लेगी सरकार?
अध्यापक संघ इन अध्यापकों के लिए भी सरकार से स्थाई नीति की मांग करता है।

शिक्षक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन, महामंत्री नरोतम वर्मा,वित सचिव परस राम,वरिष्ठ उप प्रधान सुरेश नरयाल व ज़िला प्रधानों में मंडी से अश्वनी गुलेरिया,हमीरपुर से राज कुमार,सोलन से गुरमेल चौधरी,शिमला से महावीर कैन्थला,कांगडा से नरेश धीमान,सिरमौर से राजीव ठाकुर,चंबा से संजय ठाकुर,बिलासपुर से यशवीर रनौत,कुल्लू से संदीप मित्तल ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार नायलट कंपनी द्वारा हिमाचल की पाठशालाओं में तैनात अध्यापकों की सुध ले यह अध्यापक पिछले 20 वर्ष से सरकारी पाठशालाओं में अपनी सेवाएं बहुत कम वेतन पर दे रहे हैं और पाठशालाओं में कंप्यूटर आधारित काम बहुत ही ईमानदारी से कर रहे हैं इनके द्वारा भी बीते दिनों सरकार के विरुध एक क्रमिक अनशन किया जा चुका है लेकिन जिसका कोई हल नहीं निकला । अध्यापक संघ इन अध्यापकों के लिए भी सरकार से स्थाई नीति की मांग करता है।
इस बाबत संघ का एक प्रतिनिधि मंडल राज्य प्रधान नरेश महाजन की अगुवाई में शिक्षा निदेशक उच्च डॉक्टर अमरजीत शर्मा से मिला व एक ज्ञापन सौंपा जिसमें नायलट कंपनी द्वारा तैनात अध्यापकों के साथ हो रहे शोषण की बात कही व निदेशक उच्च को इस ज्ञापन को सरकार तक अग्रेषित करने के लिए आग्रह किया।
राज्य प्रधान नरेश महाजन ने कहा की हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का प्रत्येक सदस्य इन कंप्यूटर अध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होने देगा व इन अध्यापकों के हितों की रक्षा के लिए इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। संघ के राज्य प्रधान ने कहा कि आजकल इनको जो वेतन दिया जा रहा है उसके साथ एक परिवार को पालन पोषण होना बहुत कठिन हो गया है जिसके कारण पिछले दो तीन वर्षों में कई कंप्यूटर अध्यापकों ने आत्महत्या तक कर ली सरकार इन अध्यापकों के भविष्य के साथ खिलवाड न करके इन्हे जल्द से जल्द अनुबंध आधार पर तैनाती देकर स्थाई नीति में लेकर आये। राज्य प्रधान नरेश महाजन ने यह भी कहा कि इन बीस वर्षों में पांच सरकारें आई और गई लेकिन इन अध्यापकों के हाथ निराशा ही लगी किसी भी सरकार ने इनकी कोई मदद नहीं की बल्कि शोषण ही किया जो कि बहुत ही खेद का विषय है संघ सरकार से मांग करता है कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर द्वारा 6 फरवरी 2024 को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ जो बैठक होने जा रहे है उसमें इन कंप्यूटर अध्यापकों के लिए भी कोई स्थाई नीति लाने का प्रस्ताव पारित किया जाए तांकि यह अध्यापक भी इस महंगाई के दौर में अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे से कर सकें।



