जाइका वानिकी परियोजना के कार्यों पर पीसीसीएफ ने थपथपाई पीठ
राजीव कुमार ने दिए मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना पर कार्य करने के निर्देश

जनरल बॉडी मीटिंग:
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– सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया ने दी प्रोजेक्ट की संपूर्ण गतिविधियों पर प्रेजेंटेशन
शिमला। जाइका वानिकी परियोजना की तीसरी जनरल बॉडी मीटिंग में वन विभाग के मुखिया यानी प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने प्रोजेक्ट द्वारा किए गए कार्यों की जमकर सराहना की।
बुधवार देर सांय शिमला में आयोजित इस बैठक में परियोजना के तहत हो रहे विकास कार्यों पर विस्तृत चर्चा की। प्रदेश में पौधरोपन, विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों, जीआईएस, आजीविका सुधार समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना बेहतर कार्य कर रही है। उन्होंने मुख्य परियोजना निदेशक द्वारा दी गई प्रेजेंटेशन की सराहना की। विभिन्न वन मंडलों से आए डीएफओ द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करने की बात कही। राजीव कुमार ने कहा कि परियोजना के तहत विभिन्न वन मंडलों को वितरित किए गए पैसे किसी एक जगह पड़ा न रहे, इसे सतय पर उपयोग में लाया जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 25 जुलाई 2023 को “मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना” शुरू की है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में स्थित बंजर चोटियों और पहाड़ी क्षेत्रों को हरियाली से भरा हुआ बनाने का काम किया जाएगा। इससे प्रदेश को जंगली और हरियाली भरी धरती मिलेगी। इस योजना पर जाइका वानिकी परियोजना को भी अधिक से अधिक सहयोग करना होगा।
परियोजना पर संपूर्ण प्रेजेंटेशन देते हुए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने परियोजना के लक्ष्य एवं उद्देश्य के बारे अवगत करवाया। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 115 करोड़ का एपीओ तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि परियोजना से जुड़े विभिन्न स्यवं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को आज बाजार में अच्छे दाम मिल रहे हैं। पिछले एक साल में डेढ करोड़ से अधिक की बिक्री हो चुकी है। अब तक 21 हजार से अधिक लोगों को आजीविका सुधार के लिए प्रशिक्षण दे चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में वन विभाग और पीएफएम सहभागी वन प्रबंधन के अंतर्गत हर साल पौधरोपण किया जाता है। अब तक प्रदेश में लगभग 7 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण किया जा चुका है। प्रोग्राम मैनेजर जीआईएस रजनीश कुमार ने हाईटैक तकनीक से जगंलों की निगरानी करने से संबंधित विषय पर प्रेजेंटेशन दी। जनरल बॉडी मीटिंग में परियोजना निदेशक श्रेष्ठानंद शर्मा, अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज, जैव विधिता विशेषज्ञ डा. एसके कापटा, हिमालयन रिसर्च ग्रुप के निदेशक डा. लाल सिंह, विभन्न वन मंडलों से आए डीएफओ समेत पीएमयू शिमला का पूरा स्टाफ मौजूद रहे।




