सम्पादकीय
असर संपादकीय: इक गहरी जिज्ञासा मन में जन्म लेती हैै…..

इक गहरी जिज्ञासा मन में जनम लेती है, ऐसे दृश्य देख कर के आख़िर ऐसा क्या किया है इन लोगों ने, उन लोगों के जीवन में जो हाथ जोड़े खड़े हैं, तस्वीरें ले रहें हैं इनके साथ, वीडियो बना रहे हैं, जबकी वास्तविकता यह है के प्रभू ने श्रेष्ठ मानव जीवन दिया, बुद्धि विवेक दिया जिससे मानवीय सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर हो सके, सहजता से जीवनयापन कर सके, ऐसा क्या है जो उत्तम मानव योनि पा कर भी जनता ईश्वर की बजाय ऐसे राजनेताओं के आगे नतमस्तक है जो केवल क्रमिक विकास जो के उन्नतिशील सोच रखने वाले लोगों के निरंतर प्रयासों का फल है उसका श्रेय ले ले कर स्वयं को सर्वसंपन्न बनाने में लगे हैं और शायद भगवान से ऊपर मानने लगे हैं ।



