असर विशेष : कोर्ट के डंडे के बाद तेज हुए शिक्षा विभाग के सुस्त कदम
अवमानना तक के मामले दर्ज होने के बाद ही विभाग जाग रहा है
उच्च न्यायालय के आदेशो के बाद पहले पैरा , अब पीटीए शिक्षको के मामलो मे जिस प्रकार शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई की है उस से लगता है कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग न्यायालय के निर्देश के बाद ही अपने सुस्त कदम आगे बढ़ा रहा है। गौर हो कि तबादले से ले कर नियमितीकरण के सेकडो मामलो मे न्यायालय मे ऐकजेकयूशन तथा अवमानना तक के मामले दर्ज होते आ रहे है।

हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए टिप्पणी की कि शिक्षा विभाग सरकार का सबसे बड़ा विभाग है जिसमे एक लाख के लगभग शिक्षक व गैर शिक्षक कार्यरत है अत संघ सरकार व विभाग से विभागीय स्तर पर सशक्त कर्मचारी शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के गठन की जोरदार मांग करता है ।
वैसे तो सरकार के सख्त निर्देश है कि सभी विभागो मे कर्मचारीयो की समस्याओ के निदान हेतु विभागीय समस्या निवारण सेल गठित होनी चाहिए परंतु शिक्षा विभाग न जाने इस पर कब अम्ल करेगा।
हजारो केस ऐसे है जिन्हे विभागीय स्तर पर भी निपटाया जा सकता है तथा गंभीर प्रयास किए जाए। परंतू कर्मचारीयो की लगातार बढ रहे मामलो से जहा एक ओर न्यायालय का महत्वपूर्ण समय नष्ट होता है वही शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ती की कार्यप्रणाली पर भी विपरीत प्रभाव पड़ना अवश्यंभावी है


