हिमाचल के स्कूलों में बच्चों के दोपहर के खाने पर संकट खड़ा हो गया है। जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार की ओर से मिड डे मील को जारी होने वाला बजट हिमाचल को नहीं मिल पाया है ।
अब नतीजा यह हुआ है कि प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के लिए दोपहर का खाना पकाने में मुश्किलें खड़ी हो रही है । हालांकि अभी हिमाचल सरकार बच्चों के खाने के लिए बजट उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार ने भी इस पर सवाल खड़ा किया है कि जिस अनुपात के तहत बजट आवंटित किया जाना चाहिए उसके अनुपात के तहत राज्य सरकार अपने स्तर पर बजट आवंटन का फैसला नहीं कर सकती है।
फिलहाल अब दिक्कत यह हो गई है कि स्कूलों में हिमाचल सरकार तो कुछ बजट के तहत खाने का प्रबंध कर रही है लेकिन यदि केंद्र सरकार से बजट जारी नहीं हुआ तो यह मुश्किलें बढ़ सकती है । वैसे तो केंद्र सरकार यह बार-बार लाख दावे करती है कि बच्चों के शिक्षा में किसी भी चीज की अड़चन नहीं आने दी जाएगी लेकिन मिड डे मिल प्रोजेक्ट में तय बजट के अनुपात के तहत संबंधित राज्य को बजट जारी नहीं होने के कारण यह योजना अब ठंडे बस्ते में जाते दिखती है।
मिड डे मील के तहत आता है अनुपातिक बजट
हिमाचल में मिड डे मील का आबंटन कुल बजट के एक तय अनुपात के तहत किया जाता है। जिसमें सत्तर फीसदी केंद्र और लगभग तीस फीसदी राज्य देता है। लेकिन केंद्र से तय अनुपात के तहत बजट जारी नहीं हो पा रहा है।
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अभी मिड डे मील में बच्चों को फल देने की भी है योजना
अभी केंद्र सरकार के द्वारा बजट जारी नहीं होने के कारण पहले ही दोपहर के खाने पर संकट खड़ा हो गया है और अब राज्य सरकार की यह योजना है कि बच्चों को दोपहर में फल दिए जाएं । लेकिन जब खाना ही नहीं मिल पाया तो फल देने की योजना भी आखिर कैसे सिरे चढ़ पाएगी.



