शिक्षा

चिंता: बिना प्रधानाचार्य के विद्यालय में पढ़ाई और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही

हिमाचल प्रदेश हेडमास्टर ऑफिसर काडर संवर्ग मंडी जिला के प्रधान नरेश महाजन ने हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर द्वारा जारी किये गये बयान का खंडन किया

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हिमाचल प्रदेश हेडमास्टर ऑफिसर काडर संवर्ग मंडी जिला के प्रधान नरेश महाजन ने हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर द्वारा जारी किये गये बयान का खंडन किया है। जिला प्रधान बिलासपुर पहले तथ्यों को भलीभांति जान लें उसके बाद ही कोई अपना वक्तव्य दें तो अच्छी बात होगी।

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उन्होंने जिला प्रधान बिलासपुर की उस बात पर सहमति जताई की वर्तमान में प्रदेश में प्रधानाचार्य के लगभग 200 पद खाली चल रहे हैं व बिना प्रधानाचार्य के विद्यालय में पढ़ाई और अन्य गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं साथ में सरकार की विभिन्न योजनाओं को पूरा करने के लिए जो बजट आ रहा है वह भी सही ढंग से खर्च नहीं हो पा रहा है इसलिए इन पदों को भरने की जो मांग उन्होंने की है हिमाचल प्रदेश हेडमास्टर आफिसर काडर संवर्ग जिला मंडी के प्रधान नरेश महाजन ने भी इन खाली पदों को भरने पर सहमति जताई। लेकिन जिला बिलासपुर के प्रधान नरेश ठाकुर का यह वक्तव्य कि मुख्याध्यापक 2 वर्ष के सेवाकाल के बाद ही पदोन्नत हो जाते हैं ऐसा नहीं है अगर उनके ध्यान में होगा तो सितंबर 2020 में मुख्याध्यापकों से पदोन्नत हुए प्रधानाचार्य लगभग 6 वर्ष मुख्याध्यापक के पद पर आसीन रहे तब उनकी पदोन्नति प्रधानाचार्य के पद पर हो पाई और जहां तक बात करें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की तो वह साथी तो लगभग 5 वर्ष मुख्याध्यापक के पद पर सेवाएं देने के बाद ही पदोन्नत हो रहे हैं तथा दूसरी एक प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक लगभग 26 वर्ष के सेवाकाल के बाद मुख्याध्यापक बनता है और उसके बाद यह भी मान लेते हैं कि वह 2 वर्ष मुख्याध्यापक रहने के बाद प्रधानाचार्य बनता है तो कल 28 या 29 वर्ष के सेवाकाल बाद उसको प्रधानाचार्य बनने का मौका मिलता है जहां तक प्रवक्ता की बात है तो वह 24 वर्ष में प्रधानाचार्य बन जाते हैं इसमें भी मुख्याध्यापकों को प्रधानाचार्य बनने के लिये लंबा इंतज़ार करना पढ़ता है कई साथी तो बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं संवर्ग के प्रधान ने बताया कि पहले मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य का पदोन्नति कोटा 60 था और प्रवक्ता से प्रधानाचार्य का कोटा 40 होता था उसको भी सरकार द्वारा घटाकर 50-50 कर दिया गया जो की मुख्याध्यापक संवर्ग के साथ अन्याय हुआ है इसके बाद एक बात और कहना चाहूंगा कि मुख्य अध्यापक से प्रधानाचार्य व प्रवक्ता से प्रधानाचार्य का वर्तमान निर्धारित कोटा 50- 50 है ।

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अगर आज के परिवेश में बात की जाए तो प्रवक्ता से प्रधानाचार्य पदोन्नति का अगस्त 2023 तक शेष कोटा बिल्कुल शून्य है बल्कि कोटे से ज्यादा पदोन्नति हो चुकी है और मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य पदोन्नति का अगस्त 2023 का कोटा अभी भी 170 पद हैं इसलिए कोटा और मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य पद की पदोन्नति योग्यता को दोनों को ध्यान में रखते हुए कहने का अभिप्राय कि भर्ती व शर्तों नियमों को ध्यान में रखते हुए ही सरकार पदोन्नति सूची जारी करें। अन्यथा इस सूची को 03 दिसंबर 2023 तक लंबित किया जाए वैसे भी मात्र 3 महीने का समय शेष रह गया है और यह 3 महीने जो लगभग त्योहार और छुट्टियों में ही बीत जाते हैं ।

जिससे कोई पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी जिला प्रधान मंडी नरेश महाजन सरकार व विभाग से यह मांग करता है की या तो मुख्याध्यापकों से प्रधानाचार्य पद की पदोन्नति के लिए 3 महीने की विशेष छूट प्रदान करते हुए इस सूची को जारी किया जाए तांकि मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य पद के कोटे से कोई छेड़छाड़ ना हो और मुख्याध्यापकों को उनका हक मिल सके अन्यथा इस सूची को दिसंबर 3 2023 के बाद जारी किया जाए तांकि मुख्याध्यापक व प्रवक्ता दोनों वर्ग अपने-अपने कोटे के अनुरूप ही पदोन्नति पा सकें।

Deepika Sharma

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