महिलाएं समावेशिता और समानता के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं”
भारत सोका गाकाई संगोष्ठी में वक्ताओं ने सामाजिक परिवर्तन में प्रेरक के रूप में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। नई दिल्ली. 28 जून, 2023 भारत में मानव सशक्तिकरण को समर्पित संस्था, भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) ने 28 जून, 2023 को नई दिल्ली के चिन्मय मिशन सभागार में एक प्रभावशाली संगोष्ठी का आयोजन किया। “जीवन में बदलाव सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरक के रूप में महिलाएं इस संगोष्ठी का उद्देश्य बेहतर विश्व के निर्माण में महिला नेतृत्व की भूमिका के महत्व को उजागर करना था। जिन महिलाओं ने अपने जीवन में बदलाव से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किये हैं, वे इस संगोष्ठी की वक्ता रहीं। बीएसजी में निदेशक और बाह्य संबंधों की प्रमुख सुश्री राशि आहूजा ने संगोष्ठी में वक्ताओं और उपस्थित श्रोताओं का स्वागत करते हुए कहा कि मैं यह मानती हूँ कि महिलाएं सामाजिक परिवर्तन का वास्तुकार होती हैं।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पूर्वी दिल्ली के शाहदरा जिले की जिला मजिस्ट्रेट सुश्री प्रांजल पाटिल ने अपने अनुभव साझा किए और सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में प्रशासनिक भूमिकाओं की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा.प्रगति की इच्छा भीतर से आनी चाहिए। लेकिन हम सभी एक-दूसरे को सशक्त बनाने के लिए प्रेरणा दे सकते हैं।
महिला सशक्तीकरण स्वयं को बिना शर्त स्वीकार करने और समस्त महिला समाज तथा मानवता के लिए दुनिया को
बदलने का एक आत्म विश्वास है।”
श्री राम स्कूलों की संयुक्त उपाध्यक्ष और युवा भारतीय महिलाओं के लिए KARM फेलोशिप की संस्थापक सुश्री राधिका भरत राम ने अपने बीज भाषण में कहा: “महिलाएं लगातार सामाजिक परिवर्तन लाने में सबसे आगे रही हैं। उन्होंने समाज में समावेशिता और समानता के पक्ष को पोषित करने में विशेष भूमिका निभायी है। वे न केवल अपने स्वयं के उद्देश्य को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करती है बल्कि समाज के हर वर्ग से आने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भी काम करती हैं। वे समझती हैं कि प्रगति में सभी को शामिल होना चाहिए. चाहे उनकी जाति, लिंग, धर्म या समाज में उनका स्थान कुछ भी हो।” वुमेन ऑन वेल्थ (WOW) की सह-संस्थापक सुश्री प्रियंका भाटिया ने वित्तीय सशक्तिकरण के महत्व और महिलाओं के
जीवन पर इसके प्रभाव को सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “महिलाओं को
सशक्त बनाना तभी संभव है जब हम वित्तीय संकट के चक्र को तोड़ दें। जैसे-जैसे हम प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं. हमें
याद रखना चाहिए कि हम इस संकट का सामना करने वाली आखिरी पीढ़ी हैं। मिलकर. हमारा लक्ष्य है कि हर घर में
एक आर्थिक रूप से शिक्षित महिला हो जो उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हो!”
इसके अलावा, मॉडल और फेमिना मिस इंडिया 2023 की फर्स्ट रनर अप सुश्री श्रेया पूंजा ने अपनी जीवन यात्रा से श्रोताओं को प्रेरित किया और मनोरंजन उद्योग में प्रतिनिधित्व के महत्व और रूढ़ियों को तोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा. “समाज के सभी पहलुओं में आगे बढ़ने के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। वैश्विक स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमें उन्हें निर्णय लेने की शक्ति देनी होगी. उन्हें शिक्षित करना होगा और उन्हें समान अवसर देने होंगे ”
बीएसजी के अध्यक्ष के रूप में श्री विशेष गुप्ता ने संगोष्ठी में उनके योगदान के लिए सभी वक्ताओं और उपस्थित लोगों को हार्दिक धन्यवाद दिया। श्री गुप्ता ने महिला नेतृत्व की परिवर्तनकारी शक्ति का अनुमोदन करते हुए कहा “महिलाएं सामाजिक परिवर्तन की उत्प्रेरक है वे स्वाभाविक रूप से शांति निर्माता है। उनके नेतृत्व. करुणा और अटल प्रतिबद्धता में बाधाओं को तोड़ने और समावेशी समाज बनाने की शक्ति है। महिलाओं के प्रयासों को स्वीकार करके और बढ़ावा देकर हम दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहाँ प्रत्येक व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सके।
सम्मान और स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा देना बीएसजी के मिशन का अभिन्न अंग है। 1986 में अपनी स्थापना के बाद से बीएसजी मानव सशक्तिकरण विशेषतः महिला एवं युवा सशक्तिकरण के लिये प्रयत्न रत है।
इस उद्देश्य से बीएसजी ने कार्यक्रम स्थल पर आशा और कार्य के बीज सतत एवं टिकाऊ विकास को मूर्त रूप देना नामक शीर्षक से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। यह प्रदर्शनी उन सामान्य व्यक्तियों के उदाहरण प्रस्तुत करती है. जिन्होंने अधिक टिकाऊ समाज को प्राप्त करने की दिशा में ठोस प्रयास किये हैं। प्रदर्शनी को दर्शकों ने खूब सराहा।
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https://www.bharatsokogakkal.org भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) सभी के लिए खुशी और शांति के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक संस्था है। बीएसजी शांति संस्कृति. शिक्षा और सतत एवं स्थायी विकास से सम्बंधित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करती है। इन गतिविधियों का उद्देश्य है. व्यक्ति सशक्तिकरण’ द्वारा भारत में एक ‘नये युग’ का निर्माण करना जहाँ सभी प्रकार के जीवन की गरिमा को सम्मान मिले। बीएसजी का दृढ़ विश्वास है कि संगठित प्रयास सामाजिक परिवर्तन लाने का सशक्त साधन है। बीएसजी का मानना है कि महिलाएं सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बीएसजी में सभी आयु वर्ग के 275000 से अधिक स्वैछिक सदस्य है, जो भारत के 600 कस्बों और शहरों में रहते हैं. जिनमे 50% महिलाये है। 2030 तक एक स्थायी युग का निर्माण करने के लिए बी एस जी ने 2021 में. एस डी जी के लिए बी एस जी पहल की शुरुआत की. जिसका आदर्श वाक्य है. 2030 की ओर सतत एवं स्थायी मानव व्यवहार के माध्यम से एस डी जी को प्राप्त करना । इस पहल के तहत बी एस जी कई गतिविधियों को चला रहा है। इन गतिविधियों द्वारा बी एस जी स्थिरता की संस्कृति के निर्माण में आम आदमी की भूमिका के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करके एक ऐसे विश्व का निर्माण कर रहा है जिसमे कोई भी पीछे न छूट जाये। एस डी जी के लिए बी० एस० जी०: https://www.bsgforsdg.org/about-big-for-sdg

