विविध

जब हवाओं को जरूरत थी तो हम डॉ एम डी सिंह

 

जब हवाओं को जरूरत थी तो हम थे–

जब दिशाओं को जरूरत थी तो हम थे

 

लाख रोका था तब सबने हम न माने

जब फिजाओं को जरूरत थी तो हम थे

 

हर कहीं था मातम मौत के आतंक से

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

जब चिताओं को जरूरत थी तो हम थे

 

हर दर था पहरा बहारों पर तपन का

जब घटाओं को जरूरत थी तो हम थे

 

जमी पर सियासत की बगावत के लिए

जब अदाओं को जरूरत थी तो हम थे

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close