EXCLUSIVE : स्टेट स्पोर्ट्स वॉलीबॉल की चैंपियनशिप सलेक्शन पर बड़ा सवाल
बलबीर सूरी नेशनल वालीबॉल प्लेयर ने उठाए सवाल ,की जांच की मांग

सीनियर वॉलीबॉल राज्य स्तरीय चैंपियनशिप के आयोजन पर बलबीर सूरी नेशनल वालीबॉल प्लेयर ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि
दिनांक 12 फरवरी से 14 फरवरी 2021 को हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल संघ द्वारा सीनियर वॉलीबॉल राज्य स्तरीय चैंपियनशिप का आयोजन जो कि कंसा चौक नजदीक नेर चौक जिला मंडी, हिमाचल प्रदेश में आयोजित की गई थी। इस राज्य स्तरीय चैंपियनशिप से सीनियर नेशनल चैंपियनशिप के लिए हिमाचल प्रदेश की सर्वोत्तम टीम का चयन किया जाता है। हिमाचल प्रदेश में वॉलीबॉल खेल को राज्य खेल का दर्जा मिला हुआ है, जो कि वर्तमान समय में विलुप्त होने की कगार पर है जिसका कारण हिमाचल प्रदेश की टीम में सही खिलाड़ियों का चयन ना किया जाना है। उनका कहना है कि इसका
उदाहरण सीनियर राज्यस्तरीय चैंपियनशिप में देखने को मिला है कि हिमाचल पोस्टल से अक्षय कापटा जो एकमात्र खिलाड़ी शेष ऐसा है जो कि पिछले वर्ष 2019-20 में भारतीय वालीबॉल टीम के कैंप का सदस्य रह चुका है तथा प्रो वालीबॉल लीग में यू -मुंबा टीम का सदस्य भी रहा है। इसका चयन भी हिमाचल की 20 सदस्य टीम में नहीं किया गया जबकि हिमाचल वॉलीबॉल टीम में कोई भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं है इसका एक मात्र कारण राज्य चैंपियनशिप में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय के कोच तथा अनुभवी खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना है। इसका एक और कारण यह भी है कि इस चैंपियनशिप के लिए टीम के चयन के लिए किसी भी प्रकार की कमेटी का गठन ना करना है। खिलाड़ी ने आरोप लगाए हैं कि उदाहरण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच प्रीतम सिंह चौहान जिन्होंने वर्ष 2019 में 23 वर्ष से नीचे के अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल टीम के कोच थे तथा विश्व चैंपियनशिप मे भारत के लिए सिल्वर मेडल भी प्राप्त किया था। परंतु यह खेद का विषय है कि इस तरह के अनुभवी एवं प्रतिभाशाली कोच को भी हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल संघ जानबूझकर नजरअंदाज किया गया ।
उनका कहना है कि पिछले 14-15 वर्षों से संघ द्वारा जिला तथा राज्य स्तर पर प्रत्यक्ष चुनाव नहीं कराए गए हैं, ना ही जूनियर/ सीनियर volleyball प्रतियोगिताएं करवाई जाती है ,जिसे युवाओं में खेल के प्रति आकर्षण कम होता जाता है ।
बलवीर सिंह का कहना है कि
मुझे संदेह है कि हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल संघ केवल पत्रों के माध्यम से ही खेल भावना का निर्वाहन कर रहा है। उनका सुझाव है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के खेल मंत्रालय हिमाचल ओलंपिक संघ तथा युवा खेल सेवाओं के विभाग को राज्य के हिमाचल प्रदेश वॉलीबॉल संघ में अनुशासन तथा पारदर्शिता के लिए गंभीरता से इस मामले का संज्ञान लेना आवश्यक है। ताकि खेल के प्रति इस प्रदेश की युवा प्रोत्साहित हो सके।




