विविध

नहीं तो …बनते रहेंगे कर्मचारियो के कई गुट..

No Slide Found In Slider.

 

हिमाचल प्रदेश जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार द्वारा समस्त विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अश्वनी ठाकुर गुट को मान्यता देने के मामले को मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार का मामला बताया है । जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एल0ड़ी0 चौहान ने कहा कि किसी भी कर्मचारी नेता को राज्यस्तर पर कर्मचारियों के सहयोग से कर्मचारियों के जायज मुद्दों को सरकार से उठाते हुए अपने संगठन व कार्यकुशलता के दम पर मान्यता का दावा करने का हक है, और प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने विशेषाधिकार के तहत ही किसी एक गुट को मान्यता देते आएं है और प्रदेश के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को पूरा होने की चाह में उसे स्वीकारा भी है । एल0ड़ी0 चौहान ने कहा कि कर्मचारी संगठनों में गुटबाजी शुरू से होती आयी है लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सभी गुटों के कर्मचारी नेताओं को साथ बैठाकर अंतिम निर्णय लेते रहे है जो कि कर्मचारी संगठनों व सरकार के बीच आपसी सामंजस्य को बरकरार रखने का कार्य करते थे , लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री जी ने विशेषाधिकार का प्रयोग तो किया परन्तु आपसी सामंजस्य पर फोकस नही किया।

No Slide Found In Slider.
No Slide Found In Slider.

चौहान ने कहा कि अपने नजदीकी कर्मचारी नेता के गुट को मान्यता देना पुराना रिवाज रहा है अतः वर्तमान निर्णय से न तो किसी को हैरानी होनी चाहिए न ही कोई परेशानी। और ये रिवाज तब तक चलता रहेगा जब तक कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया से विधायक व सांसद की तरह EVM या बैलेट पेपर से कानूनन किये जाने अनिवार्य नही हो जाते, जब महासंघ का अध्यक्ष व महासचिव संवैधानिक प्रक्रिया से जीतकर आएगा तो उसको मान्यता के लिए मांग नही करनी पड़ेगी, जैसे कोई सांसद जीत जाने के बाद मान्यता नही मांगता बल्कि उसकी संवैधानिक जीत ही मान्यता है। यदि प्रदेश का कर्मचारी अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ को संवैधानिक रूप देते हुए अपने हकों को जिंदा रखना चाहते है तो महासंघ के चुनाव को कानून एक्ट के दायरे में लाने की मांग को सरकार के समक्ष रखना होगा, अन्यथा वक्तानुसार सैंकड़ो गुट बनते रहेंगे और कर्मचारियों के हक खत्म होते जाएंगे।

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close