ये कैसा व्यवस्था परिवर्तन -कम्प्यूटर शिक्षक!
(सरकार की समझ से परे कि कम्प्यूटर शिक्षा का क्या करे)
कम्प्यूटर विषय को आधार स्तर से लागु करना चाहिए प्रदेश के 1500 स्कूलों मे औसत 10-10 कम्प्यूटर है जबकि 850 हाई स्कूलों मे भी 9-9 कम्प्यूटर लगे है परन्तु हालत ये है कि कम्प्यूटर शिक्षक 22-24 सालो से परेशान हर और सुननेवाला कोई नहीं है और 1300शिक्षक विभाग मे मर्ज करने की मांग कर रहे है परन्तु किसी को इस बात कि चिंता नहीं है और इन युवाओं का जोन बर्बाद हो गया जबकि मात्र 14000वेतन दिया जा रहा है जबकि ये msc mca करके भर्ती नियम पुरे कर रहे है । कंप्यूट शिक्षक संघ का कहना है कि
अभी 1321 शिक्षक बिना नियुक्ति पत्र के काम कर रहे है वो भी तब जबकि सरकार व्यवस्था परिवर्तन का नारा लगा रही है
मुख्यमंत्री और शिक्षा मन्त्री सिर्फ भरोसा दे रहे,अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है
प्रदेश मे व्यवस्था परिवर्तन का नारा दे रही का ये केसा व्यवस्था परिवर्तन
कि प्रदेश सरकार को 22 साल से काम कर रहे कम्प्यूटर शिक्षको के मामला सरकार पर ही भारी पद गया है! इन 1300 से ज्यादा परिवारो मे भारी असंतोष फेल रहा हैऔर संगठन के प्रति गुस्सा है, कि प्रदेश स्तर पर वड़ी वेठक कर,क्यों बड़ा कदम नहीं उठाया जा रहा, इस समस्या का अभी समाधान नजर नहीं आ रहा,जबकि महीने के 23
दिन बीत चुके है, शिक्षकों के पास कोई नियुक्ति पत्र नहीं है,कम्प्यूटर शिक्षक hpsedc से अपनी तैनाती मांग रहे है और कोर्ट मैटर (1191 पद पीजीटी आईपी) सुलझाने की समस्या लेकर सरकार के मुखिया से मिल चूके है जिसके बाद सरकार से उम्मीद भी बंधी है परन्तु सूत्र बताते है कि hpsedc को ऐसे कोई त्वरित आदेश नहीं मिले है और ये टेंडर आगे कम्पनी को देने की प्रक्रिया मे लगे है हलांकि इसका विरोध शिक्षक कर सकते है, अब nielit को अगर एक महीने का फिर सेवा विस्तार सरकार देती है 12 लाख की राशि वेतन डालने की कमीशन मे दी जा रही है सरकार से कम्प्यूटर शिक्षकों ने मांग की है कि वो फैसला करे, कम्प्यूटर शिक्षक भारी मानसिक तनाव मे काम करने को मजबूर है,

