असर इंपैक्ट: जिंदा जले लाइनमैन की मौत की जांच के आदेश
6 सदस्य कमेटी करेगी जांच, 29 मार्च जांच रिपोर्ट सौंपने की अंतिम तिथि तय
जिंदा जले लाइनमैन की मौत की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं । गौर हो कि असर न्यूज के द्वारा यह मामला उठाया गया था जिस पर आगामी कार्रवाई भी जल्द से जल्द अमल में लाई गई है।

जानकारी मिली है कि इसे लेकर 6 सदस्य कमेटी बनाई गई है जिसमें रिपोर्ट सुपरिटेंडेंट इंजीनियर लोकेश ठाकुर को यह रिपोर्ट सौंपी जाएगी। 29 मार्च को जांच रिपोर्ट पूरी करने के आदेश जारी किए गए हैं। गौर हो कि अब उम्मीद है कि ऐसे हादसे दोबारा न हों और जांच रिपोर्ट के बाद कुछ ऐसे तथ्य सामने आए जिसे लेकर आगामी कार्रवाई और प्रबल की जा सके। जांच कमेटी बनाने को लेकर प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के डिवीजन सुननी ने भी संबंधित प्रशासन का आभार प्रकट किया है। गौर हो कि
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड के डिवीजन सुन्नी के अंतर्गत सैक्शन करयालि में एक विद्युत तकनीकी कर्मचारी मोहिंद्र सिंह विद्युत लाइन पर काम करते समय दुर्घटना का शिकार हो गए थे।
मोहिंद्र लाल विद्युत मंडल सुनी में सहायक लाइनमैन के पद पर कार्यरत थे फील्ड में तकनीकी कर्मचारियों की कमी के चलते वो अकेले ही विद्युत शिकायत को निपटाने के लिए चले गए ।
उक्त कर्मचारी के देर रात को घर न पहुंचने पर परिजनों द्वारा उन्हें ढूंढने के बाद इस हादसे का पता चला।
इस मामले में तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा ,महामंत्री नेक राम ठाकुर,
राज्य उपमहासचिव पवन परमार जिला शिमला अध्यक्ष अशोक शर्मा
सुन्नी इकाई अध्यक्ष नरेंद्र कंवर सचिव युगल किशोर ने संयुक्त बयान में कहा की बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की घटती संख्या के कारण में इस तरह के हादसों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है यूनियन लगातार इस मामले को बोर्ड प्रबंधन वर्ग के समक्ष उठा रहा है परंतु बोर्ड प्रबंधन वर्ग इस मामले में बिलकुल भी गंभीर नहीं है , और मांग को लगातार अनसुना कर रहा है ।
फिलहाल अब मौत के बाद ही लेकिन उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई जल्द से जल्द की जाएगी और मृतक के परिवार जन् को जो मुआवजा और नौकरी की सुविधा दी जाती है वह जल्द से जल्द दी जा सकेगी।
हाल ही में तकनीकी कर्मचारी संघ की बोर्ड प्रबंधन से हुई वार्ता में इस विषय को रखा गया था की विद्युत लाइन की शिकायत पर अकेले तकनीकी कर्मचारियों को जाने पर बाध्य न किया जाए, साथ ही तकनीकी कर्मचारियों की जल्दी भर्ती की जाए ताकि फील्ड कर्मचारियों पर अनावश्यक प्रेशर न हो ।



