EXCLUSIVE: उसने चिटटा छोड़ा तो आईजीएमसी ने काटा केक
आईजीएमसी की अनोखी पहल, नशा छोड़ने वाले रोगियों को बुलाया अस्पताल , थपथपाई पीठ
उन्होंने नशा करके अपना और अपने परिवार को बर्बाद कर दिया लेकिन अब वह सही रास्ते पर आ गए है। अब जिन्होंने नशा छोड़ा तो आईजीएमसी ने डॉक्टर्स ने केक काटकर उनका हौसला बढ़ाया। आईजीएमसी ने अनोखी पहल की है। जिसमें उन लोगों को अस्पताल बुलाया गया था जो नशे की गिरफ्त में आकर अपना स्वास्थ्य खराब किया था वह नशा छुड़वाने को लेकर वह अस्पताल आए थे। डॉक्टर्स की मेहनत और मरीजों की नशा छोड़ने को लेकर दृढ़ इच्छाशक्ति कामयाब साबित हुई और खासतौर पर मरीजों ने चिट्टे का नशा छोड़ा और अस्पताल ने उनकी पीठ थपथपाई।
IGMC शिमला मनोचिकित्सा विभाग द्वारा डी-एडिक्शन उपचार पर एक जागरूकता कार्यक्रम’ आयोजित किया गया जिसके मार्गदर्शक डाँ दिनेश दत्त शर्मा थे। इस प्रमुख अवसर पर मुख्य अतिथि प्रिंसिपल डॉ सीता ठाकुर रही तथा उनके साथ डाँ. राम लाल, एचओडी नेत्र विज्ञान और डॉ॰ जी.के. वर्मा, एचओडी त्वचाविज्ञान भी मौजूद रहे।
विभिन्न नशे से गिरफ्त 50 से अधिक रोगियों को en नशीले पदार्थ उपयोग विकार की समस्या थी । उनके परिवार के सदस्यों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम मरीजों की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया गया था। जिसने आज नशा छोड़ने को लेकर एक वर्ष पूरा किया।
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उसने लिया था हेरोइन का ओवरडोज
24 मार्च 2022 को, एक नशेड़ी ने हेरोइन का ओवरडोज लिया था। परिवार द्वारा उन्हे आईजीएमसी आपातकाल में लाया गया था। उस दिन से, वह दृढ़ता से उपचार के लिए प्रतिबद्ध रहे। डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार नियमित दवाएं लीं, इस बीमारी के विवरण के बारे में परामर्श सत्र में भाग लिया, लक्षणों को संभालने के लिए विभिन्न रणनीतियां, व्यवहार और भावनाएं के बारे मे बात की । वह मादक पदार्थों के गुमनाम स्वयं सहायता समूह से संबद्ध हो गया।
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बॉक्स परिवार ने दिया सहयोग
उपचार में परिवार की विशिष्ट भूमिका के बारे में उनके संकट और चिंताओं और मार्गदर्शन को संबोधित करने के लिए परिवार परामर्श सत्रों की श्रृंखला ली गई थी।
परिवार ने खूब सहयोग दिया।
डॉक्टर्स ने दिए सवालों ले जवाब
डॉ॰दिनेश दत्त शर्मा, एचओडी मनोरोग, डॉ. निधि शर्मा और डॉ॰रवि शर्मा ने दर्शकों के सवालों के जवाब दिए। डॉ॰सीता ठाकुर ने जागरूकता फैलाने के प्रयासों के लिए विभाग की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की तस्वीर संघर्ष को स्वीकार करती हैं और उन्हें समाज में फिर से संगठित करने में मदद करती हैं।



