एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र मृदव थापा का भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में समर रिसर्च फेलोशिप के लिए चयन

एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज में फोरेंसिक साइंस के छात्र मृदव थापा को नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा आयोजित छात्रों और शिक्षकों के लिए विज्ञान अकादमियों के समर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम 2023 के लिए चुना गया है। स्कूल ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की अघ्यक्ष डॉ. प्राची वैद ने बताया कि नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, इलाहाबाद और भारतीय विज्ञान अकादमी, बेंगलुरु का एक संयुक्त सहयोगी प्रयास है जो प्रतिष्ठित संस्थानों में शोध अनुभवों और इंटर्नशिप के लिए देशभर से शिक्षकों और छात्रों का चयन करता है। इस बार देशभर से एक सौ छब्बीस शिक्षकों और छात्रों में से फोरेंसिक साइंस के छात्र मृदव थापा को भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान कोलकाता के जैविक विज्ञान विभाग के प्रो. डॉ. जयश्री दास शर्मा की प्रयोगशाला में काम करने के लिए चुना गया है। डॉ. प्राची ने बताया कि छात्र मृदव थापा प्रो. जयश्री दास शर्मा छात्र मृदव से अल्जाइमर रोग और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों पर काम करने की उम्मीद की हैं। डॉ. वैद ने कहा कि प्रो. जयश्री दास शर्मा छात्र मृदव थापा को अनुसंधान के लिए सहयोग करेंगें क्योंकि प्रोफेसर शर्मा कोविड के बाद के न्यूरोलॉजिकल-विकारों पर अनुसंधान करते हैं। डॉ. वैद ने बताया कि छात्र मृदव थापा रिसर्च फेलोशिप राशि भी प्राप्त करेंगें और उन्हें दो महीने की समर इंटर्नशिप में रहेंगें।
छात्र मृदव थापा को उनकी इस सफलता और टॉप देशभर के 126 छात्रों/शिक्षकों में रिसर्च फेलोशिप के लिए चयन होने पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रति-कुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मेहनत और ईमानदारी से किया गया कार्य हमेशा सफलता की ऊंचाई तक ले जाता है। प्रति-कुलाधिपति प्रो. रमेश चौहान ने छात्र मृदव थापा को विश्वविद्यालय से फोरेंसिक साइंस में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात भी भविष्य में अनुसंधान करने के प्रयासों की सफलता व कामना की है। प्रो. चौहान ने इस तरह के राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान आधारित इंटर्नशिप में छात्रों को शामिल करने के बारे में बताया कि भारत सरकार की ओर से भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा मेधावी छात्रों को यह रिसर्च फ़ेलोशिप प्रदान की जाती है जो मेधावी छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ नवाचारों व शोध करने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है। प्रतिकुलाधिपति प्रो. चौहान ने छात्र मृदव थापा की इस सफलता पर उनके सभी प्राधापकों सहित डॉ. प्राची वैद, डॉ. मनिंदर कौर और डीन साइंसेज प्रो. रोहिणी धरेला को बधाई दी है और भविष्य में छात्रों को इस तरह नवाचारों पर शोध करने के लिए प्रेरित करते रहने की अपेक्षा की है।




