तीन दिवसीय मीमांसा बाल साहित्य उत्सव में उमा नधैक की पुस्तक नवल किरण का विमोचन

भाषा एवं संस्कृति विभाग व ‘कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट’ के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय मीमांसा बाल साहित्य उत्सव का आयोजन ऐतिहासिक गेयटी थियेटर मे 17 से 19 मार्च 2023 तक किया गया । इस तीन दिवसीय बाल साहित्य उत्सव के दौरान युवा लेखिका उमा ठाकुर नधैक की कविता पुस्तक नवल किरण का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार श्री एस.एन जोशी के कर कमलो द्वारा किया गया तथा परिचर्चा मे हर्षिता गुप्ता, सानवी पराशर व प्रियंका ने भाग लिया और नवल किरण पुस्तक पर भावी पीढ़ी के नज़रिये से विस्तृत टिप्पणी की । उमा ठाकुर द्वारा युवा मन में उपजे सवालो के विस्तृत जवाब दिए गए साथ ही मॉडरेटर श्री निवास जोशी ने नवल किरण पर सार्गर्भित समीक्षा की जिसके तहत पुस्तक में रह गई कमियो को भी उजागर किया गया जो लेखक की लेखनी में निखार लाने के लिए बहुत जरुरी भी है ।
उमा नधैक ने बताया कि ईरा पब्लिकेशनज से प्रकाशित नवल किरण उनकी तीसरी पुस्तक है इसके अलावा वर्ष 2020 मे शोधपूर्ण पुस्तक ‘महासुवी लोक संस्कृति’ प्रकाशित हुई और वर्ष 2023 मे हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों की विभिन्न बोलियों में 30 हिमाचली लेखकों की पहाड़ी रचनाओं को एक माला में पिरोकर, “हिमाचली भाषा रे मणके” काव्य संग्रह संपादित कर विकल्प प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित हुआ है जिसका विमोचन हाल ही में विश्व पुस्तक मेला दिल्ली में हुआ। इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से और न ही लेखकों से कोई सहयोग राशि ली गई । यह उनका अपना छोटा सा प्रण है कि वह अपने सामर्थ्य के अनुसार साहित्य की सेवा कर पाए । उनका कहना है कि हिमाचली भाषा व लोक साहित्य को गाँव की मुँडेर से विश्व पटल तक पहुंचाने में यदि अपना थोड़ा योगदान भी दे पाई तो मै समझूंगी मेरा जीवन सफल हो गया उनका लेखन के माध्यम से हिमाचली भाषा व लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु कार्य करने का छोटा सा संकल्प है ।
इस कार्यक्रम में बच्चों की भागीदारी ने ऐसा समा बान्धा कि सभागार में उपस्थित सभी श्रोता व साहित्यकार उनकी प्रतिभा को देख कर दंग रह गये। इन तीन दिनों में बच्चों द्वारा रचित कविता कहानी ने सभी को अचम्भित किया। सबसे महत्वपूर्ण बच्चों द्वारा प्रतिष्ठित साहित्यकारों की रचनाधर्मिता पर सार गर्भित समीक्षा ने मंत्रमुग्ध कर दिया।
वर्तमान समय में अभिभावक और अध्यापक बच्चों में मोबाइल के दुष्प्रभाव के लिए चिन्तित हैं। ऐसे समय में कीकली ट्रस्ट की अध्यक्षा वन्दना भागड़ा व पूरी टीम द्वारा बच्चों में पुस्तक संस्कृति के बीज रोपित करने की पहल सराहनीय है। छुपी हुई प्रतिभा को निखारने मे ऐसे कार्यक्रम मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। अभिभावक व अध्यापक भावी पीढ़ी में नैतिक मूल्यो का संचार कर राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। जो साहित्य अनुराग के बीज कीकली ट्रस्ट द्वारा रोपे जा रहे हैं वे आने वाले समय पल्लवित और पुष्पित होंगे ऐसा मेरा विश्वास है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भाषा एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर ने किकली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि विभाग द्वारा यह आयोजन हर वर्ष करवाया जाएगा उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को पाठ्यक्रम की पुस्तकों से के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें पढ़ने व अन्य गतिविधियों में प्रतिभागिता करवाने के लिए प्रेरित करने का आवाहन किया।
उमा नधैक



