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EXCLUSIVE: सुस्ती: कई दिनों खड़ी रहती है एचआईवी मोबाइल टेस्टिंग वैन

एचआईवी मोबाइल टेस्टिंग वैन का टेस्टिंग ग्राफ ढीला , शिमला में है दो मोबाइल टेस्टिंग वैन,लोग भी हो रहे हैरान आखिर कई दोनों तक क्यों खड़ी रहती है वैन? 

 

 

हिमाचल में एचआईवी मरीजों को ढूंढने की प्रक्रिया फिर कैसे तेज की जाएगी जब मोबाइल टेस्टिंग वैन के टेस्टिंग ग्राफ की गति को ही नहीं बढ़ाया जाएगा।

ऐसा ही मामला शिमला में सामने आया है जिसमें राजधानी में दो एचआईवी मोबाइल टेस्टिंग वैन दी गई है। लेकिन रिकॉर्ड पर गौर करें तो यह उतनी नहीं चल पाई है जितनी संबंधित विभाग के तहत इसे चलाया जा सकता है। हालांकि नए निदेशक के कमर कसते ही इसकी गति को बढ़ाया गया है लेकिन रिकॉर्ड पर गौर करें तो इतनी ज्यादा जगहों पर यह मोबाइल नहीं दौड़ पाई है जितनी जगह ये जा सकती है।

हालांकि यह भी सामने आया है कि जब भी मोबाइल वैन  को  मौके पर ले जाया जाता है लोग इसमें टेस्ट करवाने से कतराते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि हिमाचल में अभी भी ऐसी मानसिकता है कि यदि किसी को एचआईवी हो जाए तो उसे अछूत समझा जाता है। भले ही इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग काउंसलिंग संबंधित कार्यक्रमों में तेजी दिखा  रहा है लेकिन यदि मोबाइल टेस्टिंग वैन की गति को ही नहीं बढ़ाया गया तो इस दर को कैसे बढ़ाया जा सकता है? गौर हो कि हिमाचल में हर माह नए एचआईवी रोगी सामने आ रहे हैं जिसमें कई दूरदराज के क्षेत्र ऐसे हैं जिस पर अभी भी स्वास्थ्य विभाग को काम करना जरूरी है।

मोबाइल टेस्टिंग वैन में कई कर्मचारी कार्य करते हैं हालांकि जब ये नहीं चलती है तो यह अपने संबंधित क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते हैं लेकिन यदि वैन खड़ी रहती है तो उसका खर्चा भी सरकार पर पड़ रहा है जिसे सुधारने का प्रयास नए निदेशक कर रहे है।

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खास रहती है एचआईवी मोबाइल टेस्टिंग वैन

मोबाइल टेस्टिंग वैन खास विकास योजना के तहत चलाई जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर लोग अपने आप टेस्ट करवाने नहीं आते हैं। लिहाजा समय पर मरीज का पता लगे इस बाबत मोबाइल टेस्टिंग वैन उनके घर द्वार पर जाकर लोगों का टेस्ट करती है।

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मरीज का समय पर पता लगना जरूरी

एचआईवी मरीज का समय पर टेस्टिंग करके उसकी बीमारी का पता लगना जरूरी है यदि ऐसा नहीं हो तो वह अन्य को भी यह बीमारी फैला सकता है इसमें खास तौर पर पति-पत्नी एक दूसरे को एचआईवी दे सकता है लिहाजा मोबाइल टेस्टिंग वैन की योजना काफी अहम है।

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क्या कहते है निदेशक

 

 

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉक्टर गोपाल बैरी का कहना है कि वह पूरी कोशिश कर रहे है कि मोबाइल टेस्टिंग वैन की गति को बढ़ाया जा सके। हालांकि पहले ये ज्यादा नहीं चल पाई है लेकिन वह इस की गति को बढ़ाने के लिए विभिन्न कदमों को आगे बढ़ा रहे हैं । जिसमें विभिन्न कार्यक्रमों का खाका तैयार किया जा रहा है।

Deepika Sharma

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