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मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों का सम्बल बना मानव मंदिर

सतलुज जल विद्युत निगम एवं परोपकारी संस्थानों ने निभाई अग्रणी भूमिका

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27 नवंबर, 2022 का दिन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया। इसी ऐतिहासिक तारीख को देश के  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने अपने साप्ताहिक कार्यक्रम, ‘मन की बात’ में भारतवर्ष का ध्यान मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के उपचार के लिए हिमाचल प्रदेश के ज़िला सोलन में स्थित परोपकारी संगठन ’मानव मंदिर’ की ओर आकर्षित किया।

 

इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (IAMD) की अध्यक्ष सुश्री संजना गोयल ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (IAMD) परिवार, आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और उससे जूझने के हमारे प्रयास के प्रति दर्शाये गए करुणा भाव व प्रेरणादायी शब्दों से भीतर तक अभिभूत है और तहेदिल से श्रद्धेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभारी है।

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वास्तव में, (IAMD) की इस कठिन अप्रत्याशित यात्रा में अनेक संस्थाएं सहभागी बनीं और कठिन पथ सरल-सुगम बनता गया। बीमारी से लड़ने की इस कठिन यात्रा में और सोलन में इंटीग्रेटेड मस्कुलर डिस्ट्रॉफी रिहैबिलिटेशन सेन्टर, ‘मानव मंदिर’ की संरचना में बहुत सी परोपकारी संस्थाओं का प्रेरणादायी योगदान रहा है, जिसमें सतजुुल जल विद्युत निगम का नाम सर्वोपरि है। उनका अविरल सहयोग आज भी जारी है। सतलुज जल विद्युत निगम ने कॉरपोरेट सामाजित उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए पग-पग पर (IAMD) की यात्रा में न केवल सकारात्मक सहयोग दिया बल्कि सक्रिय भागीदारी से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। मुख्य महाप्रबन्धक सतजुुल जल विद्युत निगम नंद लाल शर्मा विगत आठ वर्षों से व्यक्तिगत तौर पर (IAMD) से सम्बद्ध हैं एवं इस क्षेत्र में छोटे-छोटे सहयोग से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के मरीजों की ज़िंदगी में आशा की किरणें प्रकाशवान करने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अतिरिक्त SAI इंजीनियरिंग फाउंडेशन, NTPC, REC, ONGC, IOC, PFC, IREDA आदि संस्थाएं भी मानव मंदिर के निर्माण में सहायक रही हैं। कई डॉक्टर और शैक्षिक संस्थानों के स्वयंसेवी भी निरंतर सेवा व सहयोग प्रदान करते हैं।

 

Deepika Sharma

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