EXCLUSIVE: मैडम ; मुझे जीना नहीं, आपको मेरी ये लास्ट कॉल है
कोविड में जॉब चले जाने वाले एक युवक ने समाज सेविका को किया फोन,समाज समाज सेविका ने काउंसिल किया युवक, अब वह खतरे से बाहर

निसंदेह हमारे फ्रंट वारियर कोविड को एक न एक दिन काबू कर लेंगे। लेकिन इसके घातक परिणाम दूरगामी होंगे। ऐसे ही मामले अब हिमाचल में भी देखने में आ रहे हैं। एक केस स्टडी की गई तो उसकी दशा निसंदेह चौंकाने वाली थी। हिमाचल की नामी समाजसेविका कल्पना ने बताया कि एक युवक जिसकी उम्र लगभग 29 वर्ष है उसे उसका फोन आया , जिसमें उसने बहुत ही अपनी हतोत्साहित दशा का उल्लेख किया। समाज सेविका कल्पना ने असर न्यूज़ को बताया कि
कल्पना, समाज सेविका
इसमें युवक का नाम और जगह सार्वजनिक नहीं किया जा रही है लेकिन फोन के माध्यम से युवक ने अपनी दशा के बारे में यह बताया कि उसके माता-पिता की मौत काफी पहले हो गई है ।वह पने रिश्तेदार के पास रहता है। लेकिन कोविड में उसकी नौकरी जाने के बाद अब उसे कहीं भी नौकरी नहीं मिल पा रही है ।
उसने बहुत कोशिश की कि उसकी दशा सुधर जाए और उसकी नौकरी लग जाए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। समाजसेविका कल्पना बताती है कि उसने उसकी काउंसलिंग करने की काफी कोशिश की ।
बातों बातों में उसके रिश्तेदारों का नंबर भी मांगा और गुप्त तौर पर रिश्तेदारों को यह बताया कि उसकी मनोदशा बहुत ही खराब है। कल्पना बताती है कि कुछ दिन काउंसलिंग के दौरान उसे फोन आता है कि मैडम जी ; ये मेरा आपको लास्ट कॉल है। कल्पना बताती है कि युवक की काउंसलिंग जारी रखी गई। लेकिन इस बार उसे मनोचिकित्सक के संपर्क में लाया गया। उसकी दवाई भी शुरू की गई और मनोचिकित्सक के माध्यम से विशेष तौर पर काउंसलिंग भी हुई जिसके बाद अब पूरी तरह स्वस्थ है और अब खतरे से फिलहाल बाहर है।
कल्पना कहती है कि ऐसे ही कई मामले हैं जिस पर गौर करना बेहद जरूरी है । सरकार को भी मनोचिकित्सक के माध्यम से इस तरह के लोगों पर नजर रखने के लिए विशेष तौर पर अभियान भी चलाना आवश्यक है । सरकार इस और प्रयासरत है लेकिन इसकी मजबूती भविष्य के लिए काफी लाभप्रद सिद्ध होगी क्योंकि खासकर कोविड में युवाओं की दशा रोजगार को लेकर बहुत ही खराब हो गई है।