पर्यावरण

असर संपादकीय : हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में : शोध एवं विकास – (एक दृष्टिकोण)

निशांत ठाकुर, संयुक्त सदस्य सचिव, हिमकॉस्ट की कलम से

 

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी क्षेत्र होते हुए भी अपनी स्थापना के पश्चात् से ही देश विदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त कर निरन्तर प्रगति की दिशा में अग्रसर है I यहाँ के लोग काफी मेहनती तथा कर्मठ हैं और प्रदेश की साक्षर दर भी देश के अन्य पहाड़ी प्रदेशों से उत्तम है।

निशांत ठाकुर

ऐसी ही एक कड़ी में प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक तथा अनुसन्धान संस्थानों में कार्यरत वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद कई वर्षों से शोध कर प्रदेश के विकास के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं I ये वैज्ञानिक/प्रौद्योगिकीविद विज्ञान,प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण तथा अन्य क्षेत्रों में शोध कर राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय सत्र पर अपने शोध विभिन्न माध्यमों से प्रस्तुत कर रहे हैं I प्रदेश के विभिन्न सरकारी शोध संस्थानों में मुख्यत: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर, हिमालय जैव सम्पदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर, बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सोलन, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला,हिमालय वन अनुसन्धान संस्थान पंथाघाटी शिमला, जी बी पंत राष्ट्रीय पर्यावण संस्थान मोहाल कुल्लू, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला, केंद्रीय आलू अनुसन्धान बैम्लोई शिमला हैं तथा अन्य सरकारी, अर्ध सरकारी एवं निजी विश्विद्यालय भी शोध कार्य कर रहे हैं I इनके अतिरिक्त प्रदेश में स्थापित विभिन्न निजी कम्पनीज /इंडस्ट्रीज के भी अपने अनुसन्धान केंद्र हैंI

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भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय शोध करने के लिए प्रति वर्ष वैज्ञानिकों/ प्रौद्योगिकीविदों से आवेदन मांगती है जिनमें भारत सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संघटन, अंतरिक्ष विभाग तथा कुछ अन्य विभाग हैं I प्रदेश के सरकारी, निजी शैक्षणिक संस्थानों के काफी वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों ने अपने शोधों के पश्चात् विकसित तकनीक का पेटेंट भी कराया है I

पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् (हिमकॉस्ट)शिमला भी शोध, अनुसन्धान एवं विकास के लिए प्रदेश के वैज्ञानिकों / प्रौद्योगिकीविदों को प्रदेश की प्रगति में सहायक उत्कृष्ट शोध परियोजनाओं के लिए राशि उपलब्ध कराती है।

 

Deepika Sharma

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