विशेषस्वास्थ्य

EXCLUSIVE: अलर्ट: हिमाचल में स्क्रब टायफस की दस्तक

बरसात आते ही आईजीएमसी में चार पॉजिटिव

 

बरसात आते ही हिमाचल में स्क्रब टायफस ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है। जानकारी मिली है कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में 4 लोग के स्क्रब टायफस पॉजिटिव आए हैं यानी कि इन्हें उस पीसु के आकार के कीड़े ने  काटा है जिससे लोग scrub typhus  की चपेट में आए हैं। खास तौर पर बागवानी सीजन अब शुरू हुआ है जिसमें सेब के बागवान सबसे ज्यादा हरे घास के संपर्क में रहते हैं। आईजीएमसी में आए यह सभी मामले शिमला के ऊपरी क्षेत्रों से है।

हरे घास में सबसे ज्यादा यह पीसू पाया जाता है जो नग्न आंखों से नहीं देखा जाता है लेकिन इसके काटने के बाद शरीर पर लाल रंग के हलके निशान होते हैं और बुखार हो जाता है। हालांकि पूरे साल ये मामले आते हैं लेकिन मामले बेहद कम रहते हैं लेकिन बरसात में इन मामलों में बहुत ज्यादा तेजी देखी जाती है जिस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी लोगों को सतर्कता से हरे घास के संपर्क में काम करने की सलाह दी है।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

क्या ही लक्षण

इस बीमारी में सिर दर्द, सर्दी लगना, बुखार, शरीर में दर्द और तीसरे से पांचवें दिन के बीच शरीर पर लाल दाने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।   संक्रमित होने के बाद मरीज बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करता है और कुछ लोगों में जी मचलाने की भी शिकायत देखी जाती है। स्क्रब टाइफस में बुखार  12 दिनों तक रहता है।

इससे बचने के लिए लोग ग्लव्स  का प्रयोग करें। और घास के संपर्क में आने के बाद घर आकर अच्छी तरह अपने हाथ पैर धोए।

आती है कमजोरी

बुखार बिगड़ने की स्थिति में कमजोरी और अधिक बढ़ती है। मरीज को बेहोशी और हृदय संबंधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। 40 वर्ष से अधिक आयु के 50 प्रतिशत मरीजों और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मरीजों के लिए स्क्रब टाइफस जानलेवा भी हो सकता है।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close