शिक्षा

ऑकलैंड हाउस स्कूल शिमला में पीटीए गठित

सभी स्कूलों में पीटीए गठन की उठी मांग

छात्र अभिभावक मंच ने ऑकलैंड हाउस स्कूल शिमला द्वारा 18 मई 2022 को पीटीए गठन के लिए बुलाई गयी आम सभा का स्वागत किया है। मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों की तुरन्त आम सभाएं बुलाकर पीटीए गठन किया जाए। मंच ने पीटीए गठन के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशक से तुरन्त आदेश जारी करने की मांग की है।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

 

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने निजी स्कूलों में आम सभाओं के ज़रिए पीटीए गठन करके भारी फीसों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने उच्चतर शिक्षा निदेशक को चेताया है कि अगर उन्होंने 7 अप्रैल 2022 को छात्र अभिभावक मंच के प्रतिनिधिमंडल को किये गए वायदे अनुसार आम सभाओं,पीटीए गठन व भारी फीसों पर रोक लगाने के संदर्भ में तुरन्त आदेश जारी न किए तो मंच दोबारा से शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन का आगाज़ करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशक को निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के सन्दर्भ में मांग-पत्र सौंपे हुए एक महीने से ज़्यादा समय हो गया है परन्तु पीटीए व फीसों के संदर्भ में कोई भी आदेश जारी नहीं हुए हैं। इस दौरान मंच पदाधिकारियों की शिक्षा अधिकारियों से कई बार बातचीत भी हुई है परन्तु इसके बावजूद भी आदेश न जारी होना साफ बता रहा है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा अधिकारियों की निजी स्कूल प्रबंधनों से सांठ-गांठ है। प्रदेश सरकार निजी स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े छः लाख छात्रों व उनके लगभग दस लाख अभिभावकों को न्याय देने के बजाए उनसे धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन शिक्षा निदेशालय के वर्ष 2018 व 2019 के आदेशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं। वे न तो अभिभावकों की आम सभाएं आयोजित कर रहे हैं और न ही पीटीए गठन कर रहे हैं। निजी स्कूलों की मनमानी लूट पर रोक लगाने के लिए ही अभिभावकों के निरन्तर आंदोलन के बाद ही उच्चतर शिक्षा निदेशक ने शिक्षा का अधिकार कानून,2009 व मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वर्ष 2014 के दिशानिर्देशों पर अमल करते हुए दिसम्बर 2018 में जनरल हाउस आयोजित करके पीटीए के गठन को अनिवार्य कर दिया था। इस आदेश में हर निजी स्कूल में आम सभा आयोजित कर 15 मार्च से पूर्व पीटीए गठन अनिवार्य कर दिया था। निजी स्कूलों के संदर्भ में उच्चतर शिक्षा निदेशक के ये आदेश धूल फांक रहे हैं व निजी स्कूल प्रबंधन मनमानी लूट जारी रखे हुए हैं। अगर ये आदेश लागू हुए होते तो पिछले तीन वर्षों में 25 से 50 प्रतिशत की फीस वृद्धि से अभिभावकों को राहत मिल सकती थी परन्तु निजी स्कूलों की लूट पर सरकार व शिक्षा विभाग की खामोशी सब कुछ बयान कर रही है। मंच ने प्रदेश सरकार व उच्चतर शिक्षा निदेशालय को चेताया है कि अगर निजी स्कूलों में तुरन्त आम सभाएं आयोजित करके पीटीए का गठन न हुआ व भारी फीसों पर रोक न लगी तो अभिभावक सरकार के खिलाफ दोबारा मोर्चा खोलेंगे व शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन करेंगे।

 

 

ऑकलैंड हाउस स्कूल पीटीए में अंशु अध्यक्ष व विजेंद्र मेहरा सलाहकार चुने गए। स्कूल में 16 सदस्यीय पीटीए का गठन।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close