आज परेल में NIACE FOUNDATION द्वारा “कौशल भारत कुशल भारत”कार्यक्रम के अंतर्गत दिव्यांगनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डोमस्टिक डाटा एंट्री ऑपरेटर के प्रशिक्षण केंद्र में जाकर दिव्यांगजनो से मुलाक़ात करने का अवसर मिला।

इस दौरान उनके साथ कई विषयों पर चर्चा करते हुए जीवन का मूल मंत्र उनके साथ साझा किया।
इंसान शरीर से नहीं बुद्धि और मन से दिव्याँग होता है
*मन के हारे हार है*
*मन के जीते जीत*
मैं उन सभी के उस प्रयास की सराहना करता हूँ जिसके तहत वो अपने जीवन में आत्मनिर्भर बनने कीओर प्रयासरत हैं। आप सभी दिव्यांगजनों के उज्जवल भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं साथ ही भारत सरकार को *कुशल भारत कार्यक्रम* और हिमाचल सरकार के कौशल विकास निगम की इस अनुकरणीय पहल के लिए साधुवाद


