पर्यावरण

खास खबर:इस तरह करें मधुमक्खी पालन.. लें रोजगार के अवसर..

 

हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद् (हिमकोस्ट) के पर्यावरण सूचना प्रणाली ( एच०पी० एनविस हब) द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम (जीएसडीपी) के तहल “एनटीएफपी (पशु मूल) के मूल्य संवर्धन और विपणन: जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण सर्टिफिकेट कोर्स पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 21 मार्च से 8 अप्रैल 2022 तक किया गया पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एम०ओ०ई०एफ०सी०सी०) ने माननीय प्रधान मंत्री के कौशल भारत मिशन के अनुरूप पर्यावरण और वन क्षेत्र में कौशल विकास के लिए हरित कौशल विकास कार्यक्रम (जीएसडीपी) के माध्यम से एक पहल की है, जिससे भारत के युवाओं को रोजगार / या स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाया जा सके।

 

इस कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश के पंद्रह उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया। पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न संस्थानों, अनुसंधानों एवं विश्वविद्यालयों जैसे बागवानी विभाग, शिमला, डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर, मधुमक्खी अनुसंधान केंद्र, नगरोटा, कांगडा, मधुमक्खी फार्म कांगडा. जी.बी. पंत नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट, कुल्लू तथा दीन दयाल बी फार्म, करारस, कुल्लू में मधुमक्खी पालन की विभिन्न तकनीकों के प्रदर्शन तथा व्यवहारिक क्रियाशील प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ले जाया गया। इन यात्राओं के दौरान प्रशिक्षुओं को मधुमक्खी पालन के विभिन्न पहलुओं जैसे मधुमक्खी पालन और प्रबंधन कोलोनी संगठन के प्रकार मधुमक्खी पालन उपकरण के उपयोग तथा शहद निकालने की तकनीक के बारे में अवगत करवाया गया। सफल मधुमक्खी पालकों ने भी एक्सपोजर/फील्ड विजिट के दौरान प्रशिक्षुओं के साथ अपने विचार साँझा किये

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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह श्री सतपाल धीमान संयुक्त सदस्य सचिव हिमकोस्ट की अध्यक्षता में 8 अप्रैल, 2022 को हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद शिमला में आयोजित किया गया। संयुक्त सदस्य सचिव ने बताया कि इस कार्यक्रम का उदेश्य मधुमक्खी पालन स्थायी तरीकों को बढ़ावा देना था। उन्होंने यह भी बताया कि मधुमक्खी पालन किस प्रकार व्यक्तियों, शहद सग्रहकर्ताओं, किसानों, बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्यवसाय हो सकता है। डॉ. जान सिंह वर्मा, उप निदेशक सह वरिष्ठ विपणन अधिकारी, बागवानी विभाग ने समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की श्रीमती प्रियंका शर्मा, एनविस प्रभारी में प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी और इन्होंने यह भी बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरण किया गया है तथा इस कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् युवा मधुमखी पालन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय करके रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। श्री सतपाल धीमान, संयुक्त सदस्य सचिव, हिमकोस्ट द्वारा प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह द्वारा प्रदान किए गए कार्यक्रम के दौरान डॉ. एस० पी० भारद्वाज, सेवानिवृत एसोसिएट निदेशक, क्षेत्रीय फल अनुसंधान केंद्र यूएचएफ, नौनी, सोलन तथा एनविस हब के सदस्य अजय पंवर डॉ. ऋत्यिक चौहन श्रीमती वंदना शर्मा एवं श्रीमती जय प्रिया भी उपस्थित रहे।

Deepika Sharma

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