
सैंज घाटी़ के आज कल तल्याहरा वैली में बराश के फूल ग्रामीण इकट्ठे कर रहे हैं इससे जूस व चटनी बनाई जाती है। जो कि यह फसल आजकल होती है चाहे वर्षा हो या धूप हो फिर भी पेड़ में बराश के फूल लग जाते हैं। ग्रामीण आलम चंद पालसरा, बिहारी लाल, डावे राम, मोहर सिंह, अजय ठाकुर, गिरधारी लाल, निमत राम और मीरा बाई का कहना है कि बराश के फूल से चटनी व जूस निकलता है। इसके खाने से कई बीमारियां दूर हो जाती है।


